हाथरस/एटा। सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ निकल रही भीड़ को एक हिस्से से बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका तभी भगदड़ मच गई। इसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, कई हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।
हाथरस पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए 100 से ज्यादा शव
प्राप्त जानकारी के अनुसार 100 से अधिक शव हाथरस पोस्टमोर्टम पर भेजे जा गए हैं। मृतकों में 25 से अधिक लोग एटा के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद फिरोजाबाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो डाक्टरों की टीम, पांच एंबुलेंस और एक शव वाहन को मौके पर भेजा गया है।
हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने जताया दुःख, होगी गहन जांच
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर रख रहे हैं, दो मंत्री-मुख्य सचिव और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने मौके पर भेजा गया है। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं।
पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहे हैं शव
हादसे के बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बड़ी भीड़ जमा हो गई, एक तरफ शव लाए जा रहे थे तो दूसरी तरफ स्वजन पहुंच रहे थे। शवों के पास बैठे स्वजनों का विलाप सुन हर किसी का दिल पसीज रहा था। खबर अपडेट किए जाने तक 25 शव एटा पोस्टमार्टम गृह पर लाए गए हैं। मृतकों में कई महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है।
सीएम योगी ने ली हादसे की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।CM योगी ने मंत्री लक्ष्मी नारायण, मंत्री संदीप सिंह, चीफ सेक्रेटरी एवं डीजीपी को मौक़े पर भेजा है।
DM ने 50-60 लोगों की मौत की पुष्टि की
हाथरस डीएम आशीष कुमार ने कहा
जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है और लोगों का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने मुझे करीब 50-60 लोगों की मौत का आंकड़ा बताया है, कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति एसडीएम ने दी थी और यह एक निजी कार्यक्रम था, मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। प्रशासन का प्राथमिक ध्यान घायलों और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराना है।