ओवैसी फैक्टर, मुस्लिम वोटर्स ने JMM को दिया समर्थन

दिल्ली: पश्चिम बंगाम और कर्नाटक के बाद झारखंड के डुमरी में हुए उपचुनाव में भी मुस्लिमों ने अपने वोट को बिखरने नहीं दिया. पूरे समुदाय के मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पर भरोसा जताया और ओवैसी फैक्टर को फेल कर दिया. डुमरी में मुस्लिमों की बड़ी आबादी होने के बावजूद AIMIM प्रत्याशी को सिर्फ 3471 वोट मिले, जो नोटा से भी कम हैं.

2019 में मिले थे 8 गुना ज्यादा वोट
जबकि वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी को 24132 वोट मिले थे. लेकिन, मुस्लिमों ने इस बार एकमुश्त वोट JMM की प्रत्याशी बेबी देवी को दिया. जगरनाथ के निधन से बेबी को जनता की सहानुभूति मिली. यही वजह है कि भाजपा का साथ मिलने के बावजूद आजसू की यशोदा देवी चुनाव हार गई.

मांडर उपचुनाव में दिखा था यही पैटर्न
जानकारों का कहना है कि अब मुस्लिम वोटर समझ गया है कि अगर भाजपा को हराना है ऐसी पार्टी को वोट करना है जो उसे हरा सके. झारखंड में यही पैटर्न मांडर उपचुनाव में भी देखा गया था. जब 2022 के उपचुनाव में AIMIM प्रत्याशी देवकुमार धान मात्र 22303 वोटों पर सिमट गए. कांग्रेस से बंधु तिर्की की बेटी शिल्पा नेहा तिर्की ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2019 में धान का बतौर जेवीएम प्रत्याशी 69364 मत मिले थे.

किस प्रत्याशी को मिले कितने वोट?
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में I.N.D.I.A गठबंधन की प्रत्याशी बेबी देवी ने भारी मतों से जीत हासिल की है. उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी को 1,00,231 मत और आजसू की यशोदा देवी को 83,075 वोट मिले. एआईएमआईएम पत्याशी को 3471 वोट मिले. निदर्लीय प्रत्याशी कमल प्रसाद साहू को 712 वोट मिले. निर्दलीय प्रत्याशी नारायण गिरी को 610 वोट मिले. निर्दलीय प्रत्याशी रोशल लाल तुरी को 1898 वोट मिले. जबकि नोटा 3649 रहा.दिवंगत जगरनाथ महतों ने इस सीट पर लगातार 4 बार जीत हासिल की थी, जिसे बरकरार रखते हुए पत्नी बेबी देवी ने 5वीं बार JMM की झोली में ये सीट डाल दी.

JMM की जीत के 5 प्रमुख कारण
1. ओवैसी फैक्टर को फेल कर मुस्लिम वोटर्स ने JMM को समर्थन दिया.
2. I.N.D.I.A के घटक दल एकजुट रहे, 2019 में जदयू और भाकपा ने भी चुनाव लड़ा.
3. भाजपा का पूरा वोट बैंक आजसू को ट्रांसफर नहीं हो पाया.
4. इस बार चुनावी दंगल में मात्र 6 प्रत्याशी थे, जबकि पिछले चुनाव में 16 प्रत्याशी थे.
5. जगरनाथ महतो के निधन से उनकी पत्नी बेबी देवी को सहानुभूति मिली.

5वीं बार जीत पर क्या बोली JMM?
डुमरी विधानसभा सीट पर 5वीं बार जीत हासिल करने के बाद बेबी देवी ने खुशी जताते हुए इसे जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा, ‘दिवंगत जगरनाथ महतो के अधूरे कामों को पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता है.’ वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘डुमरी की जीत 2024 के चुनाव का आगाज है. जनता ने ठान लिया है कि झारखंड में केवल जनतंत्र चलेगा, धनतंत्र नहीं. एनडीए के अहंकार का राज्य में अंत होना अब तय है.

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