नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में हुई बेहद गंभीर सुरक्षा चूक का ठीक एक सप्ताह हो चुका है। उस खतरनाक घटना ने पूरे देश को चौंका दिया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष का कहना है कि मामले की जांच शुरू हो गई है। ठीक है। लेकिन ऐसा क्यों है कि 7 दिनों के बाद भी भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, जिन्होंने लोकसभा में दो आरोपियों को प्रवेश दिलाने में मदद की, उनसे अभी तक पूछताछ नहीं की गई है?
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विचित्र स्थिति है, क्योंकि आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। इस बीच, 13 दिसंबर की घटनाओं पर संसद में गृहमंत्री के बयान की सीधी, सरल और पूरी तरह से वैध मांग करने पर INDIA के 142 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।
13 दिसंबर को संसद की सूरक्षा में हुई थी चूक
13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी के दिन मनोरंजन डी और सागर शर्मा ने लोकसभा में कलर कैन खोलकर पीली गैस छोड़ी थी। इसी समय संसद के बाहर अमोल और नीलम ने भी नारे लगाए हुए कैन से रंगीन गैस स्प्रे किया था। पुलिस ने इस मामले में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।
इस मामले में कार्रवाई हो रही है। पुलिस ने कहा कि दोनों जूते नीचे से कटे हुए थे और उसमे ही कैन रखा गया था। पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
सुरक्षा चूक पर विपक्ष का जबरदस्त हंगामा
दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद से सरकार और विपक्ष के बीच जारी टकराव जारी है। विपक्ष बार-बार घटना पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है। संसद सुरक्षा चूक की घटना पर विपक्ष के हंगामे के बाद सोमवार को दोनों सदनों के 78 विपक्षी सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इस तरह मौजूदा सत्र में अब तक दोनों सदनों के 92 विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है।
निलंबित किए गए लोगों समेत भारतीय ब्लॉक पार्टियों के सदस्य अपने निलंबन और ‘सुरक्षा उल्लंघन’ की घटना को लेकर मंगलवार सुबह संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं।