वैदिक मंत्रोचार के साथ खुला मां शारदे का पट

अबीर गुलाल लगाकर लोगों ने गाया पारंपरिक फाग गीत

शिक्षण संस्थानों में भी पूंजी गई मां शारदे

बलिया। शहर सहित जिलेभर में बुधवार को धूमधाम से बसंत पंचमी का त्योहार मनाया गया। पूजा समितियों प्रतिमा स्थापित कर विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना की गई। इसके बाद वैदिक मंत्रोचार एवं शंख, घण्ट घड़ियाल के साथ मां का पट खोला गया और मां शारदे की जयकारे लगाए गए। बसंत पंचमी को हिंदू पंचांग के अनुसार सबसे शुभ दिन माना गया है। पंचांग के अनुसार चार ऋतु में सबसे श्रेष्ठ बसंत ऋतु को माना गया है। इसी दिन ढोल पर थाप चढ़ती है और अबीर गुलाल लगाकर जोगिरा गाया जाता है। इसके बाद होली गीत आरंभ हो जाती है।
बसंत पंचमी पर विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की आस्था के साथ पूजा की गई। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शिक्षण संस्थानों पूजा कर विद्या की कामना की गई। जिले के 511 स्थानों पर पंडालों में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमाओं का बट वैदिक मंत्र 4 के बीच घाट घड़ियाल बजाकर खोला गया। इसके बाद एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर मां के जयकारे लगाए गए और पारंपरिक फाग गीत ढोल नगाड़ों के साथ गाए गए। उधर, शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया। इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया। फेफना थाना क्षेत्र के फीनिक्स इंटर नेशनल स्कूल निबिया पोखरा के परिसर में छात्र-छात्राओं ने मां सरस्वती पूजन अर्चन किया। इसके बाद हवन किया। प्रसाद भी वितरण किया गया। दुर्गावती शिक्षण संस्थानधर्मपुरा के प्रांगण में सरस्वती पूजन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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