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दुर्बलता के बजाय सामर्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए-स्वामी जी
लखनऊ। सत् प्रसंग में रामकृष्ण मठ लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने बताया कि हमें सर्वदा ईश्वर के नाम की असीम शक्ति पर भरोसा रखना चाहिए।
हम जब ईश्वर प्राप्त करना चाहते हैं तब हम देखते हैं हमारे अनेक कमियां है एवं हम अपनी अपनी कमजोरी पर ध्यान देने के हेतु जीवन का लक्ष्य अधूरा रह जाता है। अपनी दुर्बलता पर ध्यान देने के परिवर्त में अगर हम अपने सामर्थ्य पर दृष्टि रखें तब अवश्य हम इस जीवन में ही ईश्वर प्राप्त कर सकते हैं।
स्वामी जी ने बताया कि हमें कभी भूलना नहीं चाहिए कि हमारी कितनी भी कमियां हो, हमारे साथ में सदा विराजमान ईश्वर की शक्ति असीम है। कहा जाता है एक बार राम नाम लेने से जितना पापहरण होता है, कोई भी जीव उतना पाप करने का समर्थ नहीं है।
श्री रामकृष्ण के एक अंतरंग गृही भक्त श्री देवेंद्रनाथ मजूमदार का एक भजन उद्धृत करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने कहा, “श्री रामकृष्ण नाम की एक बाढ़ आ गयी। कोई भी पापी-तापी आकर वो नाम तरंग के साथ पार हो सकता है। वो नाम की इतनी शक्ति है कि तत्काल वो प्राण का शीतल कर देते हैं। हमारे जितने दुःख हैं, गम है, ज्वलन है सबको समाप्त कर देते हैं। यह होता है या नहीं वह भगवान का नाम लेते हुए परख लेना चाहिए। यह भी कहा गया है कि भगवान का नाम अत्यंत मधुर है। श्री रामकृष्ण इतने दयालु है कि कोई भी उनका नाम पुकारे तो वे तत्काल दौड़कर भक्तों के पास पहुंच जाते हैं एवं उनके जीवन को पूर्ण कर देते हैं।”
स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने कहा अतएव हमें याद रखना चाहिए कि हमारे लिए यह जीवन स्वर्णिम अवसर है। ईश्वर का पावन नाम पर आश्रय लेते हुए एवं नाम की असीम शक्ति पर पूर्ण भरोसा रखते हुए निर्भय होकर जीवन की कोई भी चुनौतियों का सामना करना चाहिए एवं अखंड विश्वास रखना चाहिए कि भगवान के नाम में अनंत शक्ति है और वो शक्ति के जरिए हम अवश्य इस जीवन में ही ईश्वर को प्रत्यक्ष दर्शन करते हुए जीवन सफल करने में समर्थ होंगे।
स्वामी मुक्तिनाथानन्द
अध्यक्ष
रामकृष्ण मठ लखनऊ