गोंडा। राज्य एनआईसी स्क्रूटनी के दौरान संदेह के दायरे में आए जिले के अलग-अलग विद्यालयों के 31,206 11 मार्च को किया जाएगा। डीएम की अगुवाई वाली आठ सदस्यीय कमेटी विद्यार्थियों की समस्याओं पर निर्णय लेगी। माना जा रहा है कि बैठक के बाद विद्यार्थियों की समस्याओं को समाधान हो सकता है।
जिले में समाज कल्याण, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से 31,206 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति फंस गई है। वहीं कई विद्यार्थियों की ओर से संस्थान की ओर से गड़बड़ियों के चलते कॉलेज से लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। भाई-बहनों के छात्रवृत्ति फॉर्म में एक ही आय प्रमाण पत्र लगाने की वजह से ज्यादातर विद्यार्थी राज्य एनआईसी के आंकड़ों में संदेहास्पद हैं। ऐसे में इन विद्यार्थियों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए संशय की स्थिति बनी हुई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि निदेशालय स्तर से संदेहास्पद विद्यार्थियों का आंकड़ा तलब किया गया है। वहीं जिला स्तर पर बैठक के बाद कमेटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति को लेकर को लेकर निर्णय किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद विद्यार्थियों की समस्या समाधान किया जाएगा। वहीं विद्यालय स्तर से गड़बड़ियों की सुधार के बाद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की भरपाई की जाएगी।
डीएम कमेटी के अध्यक्ष
अधिकारियों ने बताया कि विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए जिलाधिकारी अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष, जिला समाज, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बतौर सचिव के अलावा जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी और मुख्य कोषाधिकारी बतौर सदस्य छात्रवृत्ति के लिए अनुमोदन करेंगे। इसको लेकर कलेक्ट्रेट में 11 मार्च दोपहर 12 बजे बैठक की जाएगी।