दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन हुई उत्तम मार्दव धर्म की पूजा

फतेहपुर-बाराबंकी। नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर व कस्बा बेलहरा के चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन में दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन बुधवार को उत्तम मार्दव धर्म की पूजा अर्चना की गई।
नगर क्षेत्र स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व के दौरान विजय जैन ने कहा, कि मार्दव धर्म अहंकार रूपी शत्रु का नाश करने वाला धर्म है। अहंकार कभी किसी का इस संसार में नही रहा। इस अहंकार ने परमं विद्वान व बलशाली रावण के सारे राज-पाट चौपट कर दिये। और अहंकार जब देवलोक के राजा इंद्र को हुआ तो श्री कृष्ण भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के सारे अहंकार को चूर चूर कर दिया इसलिए हर एक मनुष्य को चाहिए कि अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान की आराधना करते हुए आंनद में बिताए। इससे पूर्व प्रातः श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा व मण्डप बनाकर विधिविधान से चंद्र प्रभु भगवान का पूजन किया गया। भक्तों ने मण्डप पर श्रीफल चढ़ाकर सुख- समृद्धि की कामना की। तत्पश्चात शाम को मंगल आरती, प्रश्नमंच व बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।

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