प्रयागराज। माघ मेला के तृतीय व सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती संगम के पावन तट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। दिनभर स्नान का क्रम चलेगा। देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु दो दिन पहले से मेला क्षेत्र पहुंच रहे हैं। मेला प्रशासन ने गुरुवार को ही 58 लाख लोगों के स्नान करने का दावा किया है। मेला प्रशासन का अनुमान है कि नौ फरवरी को लगभग दो करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे।
माघ मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व, मौनी अमावस्या। जैसी इसकी पौराणिक प्रसिद्धि वैसी ही आज तस्वीर। इस महास्नान पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने लाखों श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। स्थिति यह रही कि रात बजे से भोर में ब्रम्ह मुहूर्त तक मेला क्षेत्र के सभी रास्तों से लेकर संगम नोज तक इतना बड़ा जनसमूह पहुंच गया कि पुलिस, प्रशासन की व्यवस्था ही बिगड़ने लगी। संगम नोज की स्थिति को देखते हुए लोगों को मोरी से पांटून पुल के रास्ते सेक्टर पांच कल्पवासी क्षेत्र में घुमा दिया गया। सुबह सात बजे तक करीब 25 लाख लोगों के संगम स्नान कर लेने का अनुमान लगाया गया है।
संगम पर जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, मेला एसएसपी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मौसम साफ रहने के चलते मौनी अमावस्या के स्नानार्थियों में गजब का उत्साह रहा। कोई सिर पर झोला बोरिया रखे, कोई कंधे पर बच्चों को बिठाए, कोई नंगे पांव संगम की ओर बढ़ता ही रहा। सभी के मन मे बस एक ललक थी कि किसी तरह संगम स्नान हो जाए।
पर्व मौनी अमावस्या का है, कहीं कोई हादसा न हो जाये इसके लिये संगम नोज से लेकर त्रिवेणी और काली बांध तक, दारागंज में भी भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीटियां बजाकर भीड़ को नियंत्रित किया जाता रहा, पुलिस कर्मी लोगों को रास्ता भी बताते रहे।
इस बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं के अपने भीड़ में कहीं खो गए जिन्हें मिलाने के लिए लगातार अनाउंस होता रहा।