दिव्यांग की जमीन पर नगर पंचायत की नजर, निर्माण पर रोक

विपक्षी राजस्व को दे रहे झूठा करार, पीड़ित ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार

हैदरगढ़ बाराबंकी। नगर पंचायत सुबेहा एक बार फिर जमीनी प्रकरण को लेकर सुर्खियों में आ गया। विपक्षी राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीन बिना साक्ष्य और सबूत के झूठा करार देते हुए वादी पर सरकारी जमीन कब्जा करने का आरोप लगा रहे है। जबकि पीड़ित अपनी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने की बात कह रहा है। यही नही पीड़ित द्वारा भूमि की पैमाइस भी करवाया और राजस्व अधिकारियों के समक्ष मेड़ बंदी भी कराया। इतने के बावजूद प्रतिद्वंदी राजस्व अधिकारियों को झूठा करार दे रहा है। पीड़ित ने राजस्व के आलाधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई हैं।
जानकारी के अनुसार रामू मौर्या पुत्र स्व. रमेश्वर निवासी मोहल्ला गढ़ी वार्ड नगर पंचायत सुबेहा का मूल निवासी है, जो पैर से विकलांग है। ज्ञात हो कि रामू मौर्या के पिता स्व. रमेश्वर को सन् 1972 में गाटा संख्या 1203 मि. रकबा 0.8350 जमीन में से 0.2590 हे. का पट्टा हुआ था। जिस पर रामू के पिता स्व. रमेश्वर का कब्जा था। रमेश्वर की मृत्यु के पश्चात भूमि गाटा संख्या 0.2590 दो भाईयो के नाम क्रमशः रामू, व राम सनेही पुत्रगण रमेश्सर के नाम वरासत के जरिए राजस्व अभिलेखों में बतौर दर्ज हो गई। जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना-पत्र में दिव्यांग रामू ने कहा है कि गाटा संख्या 1203 मि. रकबा 0.8350 काफी बड़ा नंबर है, इसी नंबर में परियोजना अधिकारी नगर अभिकरण बाराबंकी (डूडा) के नाम भी राजस्व अभिलेखों में अंकित है। यह जमीन खाली पड़ी हुई इस पर किसी का कब्जा नही है। इसी गाटा नंबर में 0.259 हे. जमीन पीडित रामू की है। पीड़ित ने बताया कि जब मै उक्त जमीन की साफ सफाई करने लगा तो नगर अध्यक्ष और ईओ द्वारा साफ-साफई पर रोक लगा दिया। ईओ द्वारा कहा गया कि उक्त गाटा में आपकी जमीन नही है। पीड़ित द्वारा अपने कागजात दिखाए लेकिन मानने को तैयार नही हुए। जिसके बाद पीड़ित जमीन का नजरी नक्शा बनवाने के साथ-साथ भूमि का सीमांकन भी करवाया और राजस्व अधिकारियों के समक्ष मेड़ बंदी भी करवा लिया। राजस्व अधिकारियों ने पीड़ित को डंके की चोट पर मोहर लगाकर दे दिया की जमीन रामू की ही है। लेकिन इसके बाद भी पीड़ित को कब्जा करने से नगर पंचायत रोक रहा है। पीड़ित ने यह भी बताया कि उक्त गाटा पर पलिहारन पुरवा वार्ड निवासी राजू पुत्र बद्री का मकान बना हुआ है, लेकिन उस जमीन पर नगर प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नही है। नगर प्रशासन सिर्फ हमे ही टारगेट कर वेवजह परेशान कर रहा है। पीड़ित ने राजस्व के उच्चाधिकारियों को प्रार्थना-पत्र देकर न्याय की मांग की है।

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बोले चेयरमैन प्रतिनिधि चौधरी अदनान

गाटा संख्या 1203 मि. के संदर्भ में नगर अध्यक्ष सुबेहा प्रतिनिधि चैधरी अदनान से बात किया गया तो उन्होने बताया कि बीते कार्यकाल में आश्रा योजना अन्तर्गत डूडा को तीन बीघे जमीन ट्रांसफर कर दिया था। उक्त योजना आज बंद हो गई लेकिन राजस्व अभिलेखों में आज भी जमीन का जिक्र है। नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि ने आगे बताया कि उक्त गाटा संख्या पर एक दशक पूर्व पट्टा किया गया था जो खारिज हो गया था। लेकिन सुबेहा नगर पंचायत में कुछ भूमाफिया प्रवृत्ति के लोगों ने राजस्व विभाग से सांठ-गांठ करके खतौनी में नाम दर्ज करवा लिया और अब जमीन बेचने की फिराक में है।

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