देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election 2024) से पहले जातीय जनगणना कराए जाने को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. मुख्य विपक्षी दल सपा और कांग्रेस जातीय जनगणना कराने को लेकर लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं. एक बार फिर दोनों पार्टियों के नेताओं ने जतीय जनगणना कराने को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है.
‘जातीय जनगणना के पक्ष में है सपा’
समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि सरकार में जो पिछड़े वर्ग के मंत्री हैं वह जातीय जनगणना को लेकर अपना मत स्पष्ट करें.
‘जातीय जनगणना से भाग रही यूपी सरकार’
कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खुद जातीय जनगणना कराने के पक्ष में हैं. वे चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो, लेकिन उनकी पार्टी बीजेपी ऐसा नहीं करना चाहती है. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकार जातीय जनगणना से क्यों भाग रही है.
‘सबको मिलना चाहिये समान अधिकार’
उन्होंने योगी सरकार से सवाल किया है कि जब बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सर्वे हुआ है तो यूपी में क्या दिक्कत है. कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि जातीय जनगणना होनी चाहिए सबको समान अधिकार मिलना चाहिए. गुंडा नियंत्रण एक्ट संशोधन अधिनियम के वापस करने पर आराधना मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ने संदेश के साथ अस्वीकृत करते हुए भेजा है. सरकार को सदन के पटल पर वापस बिल रखना चाहिए पढ़कर सुनाना चाहिए क्यों वापस किया.
केशव प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार
वहीं विपक्ष के तीखे हमलों पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी जाति जनगणना के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की बात करने वाले सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने सत्ता में रहते हुए कभी भी पिछड़े वर्ग के साथ कोई न्याय नहीं किया. उन्होंने कभी उन्हें उनका हक नहीं दिया.