राम बनबास की कथा ,निषाद,
गुहु मिलन, केवट प्रसंग
बदायूं| गंगा महिमा, राम जी का भरद्वाज से मिलन उनसे रास्ता पूछना, वाल्मीकि मिलन उनसे रहने का स्थान पूछना, दंडक वन पंचवटी में निवास सूर्पनखा का मोहित होना, खर दूषण बध,सीता हरण,जटायु मरण,शबरी मिलन, कावंध उद्धार,हनुमान मिलन सुग्रीव से मित्रता लंका दहन भगवान को जानकी का संदेश ,पुल बांधना ,अंगद को भेजना ,विभीषण का भगवान के साथ मिलना ,लक्ष्मण शक्ति ,कुंभकरण वध ,मेघनाथ वध रावण वध ,भगवान की अयोध्या वापसी और प्रभु का राजतिलक की कथा का मार्मिक तरीके से वर्णन किया l
पूर्णाहुति हवन यज्ञ के साथ कथा विराम की गई और 2 फरवरी
सेवा दिवस के रूप में रवि जी समदर्शी महाराज का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया , मेरे राम धर्मार्थ चिकित्सालय में निस्वार्थ सेवा में लगे डॉक्टर सनत द्वेदी अंकित दिवाकर और उत्पल सक्सेना को सॉल उड़ाकर कर,रामजी का चित्र भेंट कर प्रमाण पत्र भेंट कर और पटका पहना मेरे राम सेवा संस्थान के अजीत कुमार, गजेंद्र पंत और महाराज जी द्वारा स्वागत सम्मान किया गया|
आर्यन यादव अनुराधा सक्सेना विष्णु गुप्ता अंजू चौहान आशुतोष तोमर लक्ष्मी गुप्ता रामकुमार शर्मा संजय सुरेंद्र गुप्ता अजय कुमार गिरीश पाल सिंह सिसोदिया अरविंद शर्मा सहायता शर्मा कमलेश मिश्रा राखी साहू मोना चौधरी अर्चना चौहान विपिन सिंह अजय पाल सिंह यादव अमर साहू संजीव वर्मा लोकेंद्र गौतम राजीव सिंह शशांक भगवान स्वरूप धर्मेंद्र सक्सेना राहुल अग्रवाल, मोहित प्रभाकर आकाश प्रचारक विजय संख्धार आदि ने आरती कर हवन में आहुतियां देकर प्रसाद ग्रहण किया|