लखनऊ- बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में ईंट भट्ठा मालिकों एवं भवन निर्माण सामग्री विक्रेताओं द्वारा धड़ल्ले से बेरोकटोक ट्रैक्टर ट्रालियों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।जिसके कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।पूर्व में भी इन वाहनों से कई दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है।इतना ही नहीं इनसे हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जानें भी जा चुकी है।लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नही दे रहा है।जिससे राहगीर काफी चिंतित है।
ज्ञात हो कि कृषि कार्यों में प्रयोग होने वाले ट्राली ट्रैक्टरों का प्रयोग स्वामियों द्वारा कामर्शियल प्रयोग में लाया जा रहा है।जिनसे ज्यादा दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं इसलिए होती है क्योंकि अधिकतर चालकों के पास न तो ड्राईविंग लाइसेंस होता है।और न ही इन्हें सड़क पर चलने के नियमों के बाबत कोई जानकारी होती है।ऐसे ट्रैक्टर सड़क परिवहन की खूब धज्जियां उड़ा रहे है।
तहसील क्षेत्र में स्थापित लगभग तीन दर्जन ईंट भट्ठों पर सैक़डों ट्राली ट्रैक्टर बिना रजिस्ट्रेशन के ही ईंट ढुलाई का कार्य कर रहे है।वहीं सीतापुर जिले से भी प्रतिदिन सैक़डों ट्रैक्टर ट्राली ईंट लादकर लखनऊ आते है।वहीं इन ट्रैक्टर ट्रालियों पर नंबर भी नहीं पड़ा होता है।बहुत ट्रैक्टर तो बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर फर्राटा भरते देखे जा सकते है।जबकि विभाग ऐसे वाहनों के कामर्शियल प्रयोग पर प्रतिबंध लगाये है।इसके बावजूद भी तहसील क्षेत्र में इन वाहनों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।