वाराणसी। शहरों में पार्लर कोई नई बात नहीं है। काशी में अब ऐसी सुविधाएं जानवरों के लिए भी जल्द उपलब्ध होने वाली हैं। पूर्वांचल का पहला कुत्तों (डाग) का पार्लर लालपुर (मीरापुर बसहीं वार्ड) के ऐढ़े में बनने जा रहा है। इसमें कुत्तों के लिए अलग-अलग हेयर स्टाइल, मैनिक्योर, पेडिक्योर, स्पा ट्रीटमेंट जैसी सुविधाएं मिलेगी।
नगर निगम ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर खोलने के लिए शासन को 1.64 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। शासन ने इसकी स्वीकृति दे दी है। प्रथम किस्त 80 लाख रुपये जारी भी कर दी। इस क्रम में निगम ने एबीसी सेंटर बनाने के लिए लालपुर (मीरापुर बसहीं वार्ड) के ऐढ़े में एक एकड़ भूमि भी चिह्नित कर ली है। सेंटर का निर्माण दस दिनों में शुरू करने का निर्णय लिया है।
बनारस में जानवरों के लिए पार्लर
निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि बनारस में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बड़ी संख्या में लोग कुत्ता पाल रहे हैं। देखरेख के अभाव में कुत्ते विभिन्न रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। इसका दुष्प्रभाव मानव पर भी पड़ रहा है। ऐसे में महानगरों की भांति बनारस में जानवरों के लिए पार्लर की सुविधा महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए एनिमल बर्थ कंट्रोल में पार्लर की भी सुविधा होगी।
कुत्तों को मिलेगी ये सुविधा
यहां पर कुत्तों के बाल काटने के अलावा, आयल मसाज, कंडीशनिंग ट्रीटमेंट और हॉट पैक जैसी सुविधाएं भी उचित दर मुहैया कराई जाएंगी। वहीं कुत्तों के आंख, कान और चेहरे को साफ किया जाएगा। इसके लिए बकायदा शुल्क भी लिया जाएगा।
नगर निगम अब खुद करेगा कुत्तों का बंध्याकरण
वर्तमान में शहर करीब 30 से 35 हजार लावारिस कुत्ते हैं। पालतू कुत्तों की संख्या करीब बीस हजार है। इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। निगम ने कुत्तों के बंध्याकरण करने की जिम्मेदारी मानव गौरव निर्माण संस्थान नामक एनजीओ को सौंपी है। संस्थान अप्रैल से अब तक (यानी 11 माह) में 997 कुत्तों का ही बंध्याकरण कर सका है। इस प्रकार एक दिन में औसत दो से तीन कुत्तों का बंध्याकरण हुआ है। इस प्रकार एक दशक में भी 30 से 35 हजार कुत्तों की बंध्याकरण होने की उम्मीद नहीं है। इसे देखते हुए निगम ने खुद भी कुत्तों के बंध्याकरण कराने का निर्णय लिया है।
दस दिनों के भीतर शुरू होगा भवन का निर्माण
पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी ने बताया कि एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के भवन का निर्माण दस दिनों के भीतर शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि सेंटर स्थापित होने में एक साल का समय लगा सकता है।