भागवत का आश्रय करने वाला कोई भी दु:खी नहीं होता

गड़वार (बलिया)। स्थानीय कस्बा क्षेत्र के झंगही गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ कथा के दूसरे दिन शनिवार को अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक भागवत भाष्कर आलोक जी महाराज ने राजा परीक्षित संवाद,शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया। कथा वाचन शुरू करते हुए कहा कि भागवत अवरोध मिटाने वाली उत्तम अवसाद है। भागवत का आश्रय करने वाला कोई भी दु:खी नहीं होता है। भगवान शिव ने शुकदेव बनकर सारे संसार को भागवत सुनाई है। आलोक जी महाराज ने श्रोताओं को कर्मो का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पड़ता है। इस लिए कर्म करने से पहले कई बार सोचना चाहिए। भागवत भाव प्रधान और भक्ति प्रधान ग्रंथ है। भागवत पदार्थ से परे है,प्रेम के अधीन है। प्रभु को मात्र प्रेम ही चाहिए। भागवत कलयुग का अमृत है। कथा श्रवण करने से दुख और पाप मिट जाते है। इसलिए जब भी मौका मिले तब कथा सुने और भगवान का भजन करें। अच्छे या बुरे कर्मो का फल हमे जरूर भुगतना पड़ता है। कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा के दौरान धार्मिक गीतों पर श्रद्धालु जम कर झूमें । कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से कथा समाप्ति तक हो रही है। कथा विश्राम 14 दिसम्बर को होगा वहीं पूर्णाहुति एवं भंडारे का आयोजन 15 दिसम्बर को किया जाएगा। यज्ञाचार्य पं०शुभम शास्त्री, पं०अतुल शुक्ला,यजमान विजय शंकर तिवारी सप्तनीक सहित कृपाशंकर तिवारी मौजूद रहे।

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