नही आये राहुल, बघेल और अन्य दिग्गजों ने सम्भाला मोर्चा

तीन घण्टे के इंतजार के बाद बघेल को बिना सुने लौटे कार्यकर्ता

बाराबंकी। शनिवार को थाना कोठी क्षेत्र के मदारपुर में प्रस्तावित कांग्रेसी नेता राहुल गांधी का आगमन होना था। जनता को उनको सम्बोधित भी करना था। लेकिन करीब चार घण्टे तक इण्डिया गठबंधन के नेता और प्रत्याषी इंतजार करते रहे। लेकिन वह नही आये। उनके स्थान पर छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेष बघेल आये लेकिन आधी से ज्यादा जनता उनके उद्बोधन से पहले ही चलती बनी। आखिर किस वजह से राहुल गांधी समय देकर कार्यक्रम में नही पहुंचे इसमे तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। जानकारी के अनुसार, पांचवे चरण चुनाव प्रचार के अन्तिम दिन शनिवार को थाना कोठी क्षेत्र के मदारपुर चौराहे के पास एक मैदान में कांग्रेस प्रत्याषी तनुज पुनिया के समर्थन में एक जनसभा को सम्बोधित करने का कार्यक्रम बना हुआ था। इसके प्रचार प्रसार के लिए दो दिन पूर्व से ही कांग्रेस और सपा के दिग्गज नेताओं ने जनसभा में पहुंचने के लिए गांव गांव जाकर अपील कर रहे थे। शनिवार की सुबह 11 बजे राहुल गांधी का आगमन का समय निर्धारित था। पहले यह चर्चा थी कि राहुल गांधी औसानेष्वर मंदिर के पास से रोड शो करते हुए कार्यक्रम स्थल तक आयेंगे। लेकिन शनिवार सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर इण्डिया गठबंधन के कार्यकर्ता का जमावड़ा शुरु हो गया था। हैदरगढ़, जैदपुर, बाराबंकी, रामनगर और विधानसभा कुर्सी से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता राहुल गांधी को सुनने के लिए पहुंच गये थे। लेकिन 11 बजे तक राहुल गांधी कार्यक्रम स्थल पर नही पहुंचे थे।

कार्यकर्ताओं को जनसभा में रोकने के लिए सपा के पूर्व सांसद रामसागर रावत, सपा के राष्ट्रीय सचिव अरविन्द सिंह गोप, सपा विधायक सुरेष यादव, पूर्व विधायक राममगन रावत, पूर्व विधायक रामगोपाल रावत, कांग्रेस के पूर्व सांसद डा. पीएल पुनिया, इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी तनुज पुनिया के अलावा कांग्रेस और सपा के कई दिग्गज नेताओं ने अपने अपने उद्बोधन से कार्यकर्ताओं को जनसभा में रोकने के लिए काफी कसरत करनी पड़ी। लेकिन दोपहर 2 बजे तक राहुल गांधी का कोई अता पता नही था। लगभग 2ः15 पर जब एक हेलीकाप्टर कार्यकर्ताओं ने देखा तो कार्यकर्ताओं में जोष आ गया और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगने लगे। लेकिन जब हेलीकाप्टर से राहुल गांधी नही उतरे और उनके स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ भूपेष बघेल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी मंच पर पहुचे तो कार्यकर्ताओं में भगदड़ सी मच गयी अधिकांष कार्यकर्ता वहां से अपने घर के लिए प्रस्थान करने लगा। तीन घण्टे तक भूख प्यास से ब्याकुल कार्यकर्ता यह कहने को मजबूर हो गये कि जब राहुल गांधी को नही आना था तो हम लोगों को झूठी सूचना क्यों दी गयी। मंच पर से कांग्रेसी नेता और सपाई यही कहते रहे कि प्रषासन ने राहुल गांधी को आने की अनुमति नही दी है। जब भूपेष बघेल ने अपना उद्बोधन शुरु किया तो पीछे की कुर्सियां खाली पड़ी थी हजारो की संख्या में जो कार्यकर्ता मौजूद था उनमे से आधे से ज्यादा कार्यकर्ता जनसभा स्थल छोड़कर करके लौटने लगे थे। कुल मिलाकर अगर इस कार्यक्रम में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी आ जाते और अपना उद्बोधन जनसमुदाय के सामने करते तो नजारा कुछ दूसरा ही होता। कुल मिलाकर राहुल गांधी के न आने से इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी सहित वरिष्ठ नेताओं के चेहरे लटक गये थे। इस सम्बन्ध में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नही था।

पानी के लिए भटकते रहे कार्यकर्ता
राहुल गांधी की जनसभा में क्षेत्र से हजारो लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे लेकिन वहां पर पानी पीने की कोई व्यवस्था तक नही थी। भूंखे प्यास से ब्याकुल कार्यकर्ता बूंद बूंद पानी के लिए भटक रहे थे। जबकि इस भीषण गर्मी में कार्यक्रम कराने वाले लोगों को यह चाहिए था कि कम से कम दूर दराज से आये कार्यकर्ताओं को शुद्ध पानी तो नसीब हो जाता। तीन घण्टे तक लगातार भीषण गर्मी में ब्याकुल रहना कार्यकर्ताओं को काफी भारी पड़ गया।

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