बिसवां सीतापुर – एक ओर जहां केन्द्र व प्रदेश की सरकार स्कूलों में पढ़ने जाने वाले नौनिहालों के उत्थान के लिये उन्हें नि:शुल्क कापी किताब और बस्ता, ड्रेस तथा जूता मोजा, स्वेटर के साथ नि:शुल्क शिक्षा पर विभिन्न योजनाओं द्वारा करोड़ों रुपया लुटा रही है। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से मध्यान्ह भोजन भी दिया जा रहा है परन्तु बिसवां विकास खण्ड की ग्राम पंचायत जहांगीराबाद के सरकारी विद्यालयों में एम डी एम का राशन न मिलने से दो दिनों से बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं दिया गया। शुक्रवार को भोजन न मिलने से भूख से छटपटाते बच्चों को जब शिक्षक शिक्षिकाओं से नहीं देखा गया तो स्थानीय बच्चों को खाना खाने के लिये घर भेज दिया गया परन्तु जहांगीराबाद से बाहर से आने वाले बच्चे भूखे रहे।
अध्यापक के कहने पर शनिवार को बच्चे अपने घर से खाना लेकर आये। इस सम्बन्ध में प्रधानाध्यापिका बेबी फिरदौस ने बताया कि प्रधान से एम डी एम के राशन के लिये कहा गया लेकिन उन्होंने नहीं भेजवाया तभी बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा सका। इस बारे में जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मुनीर अहमद अंसारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि अभी तक कोटेदार के पास एम डी एम का राशन नहीं पहुंचा है। जब इस बारे में कोटेदार मोहम्मद नोमान से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मुझे विद्यालय को देने के लिये अभी तक जनवरी से मार्च तक एम डी एम राशन नहीं उपलब्ध हो सका है फिर भी चार पांच दिन पहले एक बोरी अनाज मैंने अपने पास से दे दिया था। कुल मिलाकर अब बच्चों को घर से खाना लेकर आना होगा पता नहीं कब आवण्टन होगा।
बोले जुम्मेदार – बच्चों को भोजन न मिलने के सम्बन्ध मे ग्राम पंचायत जहांगीराबाद के प्रधानप्रतिनिधि मुनीर अहमद ने बताया कि शुक्रवार को भोजन बच्चों को नही मिला क्योकि राशन की समस्या थी।आज भोजन बना है बच्चों को भोजन कराया गया है।