- 15 से 20 प्रतिशत तक घूस लेकर हो रहा है ठेकेदारों के बिलों का भुगतान
- पार्षदों से मिलने में परहेज करते हैं नगर पंचायत के चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी
- नगर पंचायत के आधा दर्जन सभासदों ने मुख्यमंत्री से ऐसे भ्रष्ट चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी की आय से अधिक संपत्ति की उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान से जांच करवाने की मांग की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के नगर पंचायत इटौंजा के वर्तमान चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी भारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि नगर पंचायत के इतिहास में इतना भ्रष्टतम कोई चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी हुआ होगा। नगर पंचायत में लूट का खसोट का बाजार बेरोकटोक जारी है। नगर पंचायत में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि नगर पंचायत क्षेत्र में ठेका लेने वाले ठेकेदारों को कार्य करने के उपरांत अपने बिलों के भुगतान के लिए 15 से 20 प्रतिशत की धनराशि घूस के रूप में देनी पड़ रही है, तभी उनके बिलों का भुगतान होता है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी मोटी रकम घूस देने के उपरान्त कार्य की गुणवत्ता रह पायेगी यह संभव ही नहीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण नगर पंचायत इटौंजा के अंतर्गत स्थित श्मशान घाट की वालबाउंड्री के निर्माण में दिखा।यह वालबाउंड्री लगभग 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही है।जिसके निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग कर लाखों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है।जानकारी के बाद राजधानी से प्रकाशित समाचार पत्रों ने श्मशान घाट की वालबाउंड्री के निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और घटिया निर्माण सामग्री प्रयोग किये जाने के बाबत प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।मुख्यमंत्री से ऐसे भ्रष्ट चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी की आय से अधिक संपत्ति की उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान से जांच करवाने की आधा दर्जन सभासदों ने मांग की है।
बता दें कि श्मशान घाट की वालबाउंड्री के निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और घटिया निर्माण सामग्री प्रयोग किये जाने के बाबत जब नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी शरद कुमार जैन से बात की गयी थी, तो उन्होंने श्मशान घाट की वालबाउंड्री के निर्माण की जेई को मौके पर भेजकर जांच करवाने की बात कही थी।इसके साथ ही उन्होंने जांच में घटिया निर्माण पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही थी।लेकिन वालबाउंड्री के निर्माण की जांच तो दूर बल्कि घटिया निर्माण जारी है। वहीं श्मशान घाट की वालबाउंड्री के निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और घटिया निर्माण सामग्री प्रयोग किये जाने के बाबत समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बाद नगर पंचायत के चेयरमैन ने समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार का परिहास करते हुए कहा कि अख़बार में समाचार छापकर क्या उखाड़ लिया।हमारी नगर पंचायत में हमारे हिसाब से काम होते हैं न कि अख़बारों के दिशा निर्देश के हिसाब से होते हैं। नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 के सभासद व भाजपा नेता अमित कुमार कश्यप, भाजपा नेता व वार्ड नंबर 04 के सभासद अमित कुमार, वार्ड नंबर 07 के सभासद सत्यम पाण्डेय सहित अन्य वार्डों के सभासदों ने निष्पक्ष प्रतिदिन को बताया कि यहां बहुत बड़ी तादात में आबादी निवास करती है। जिसके परिणाम स्वरूप नगर पंचायत के खजाने में टैक्स की भी धनराशि आती रहती है। सरकार द्वारा यहां विकास के लिए करोड़ों की धनराशि अवमुक्त करती रहती है।नगर पंचायत के चेयरमैन कमल अवस्थी और अधिशासी अधिकारी सभासदो से मिलने में भी परहेज करते हैं और सारी डीलिंग चेयरमैन श्री अवस्थी का चचेरा भाई अरुण कुमार अवस्थी कार्यालय में चेयरमैन की कुर्सी पर बैठकर करता रहता है। नगर पंचायत के कार्यालय में तो उनके दर्शन दुर्लभ रहते हैं। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाये हुए हैं और दूसरी तरफ भाजपा पार्टी के ही चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी जैसे ऐसे भ्रष्ट अधिकारी इस पर पलीता लगाने का कार्य कर रहे है। ऐसे नेता और अधिकारियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ का डंडा चलना चाहिए। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान सतर्कता अधिष्ठान से ऐसे भ्रष्ट नगर पंचायत के चेयरमैन कमल अवस्थी व अधिशासी अधिकारी शरद कुमार जैन की आय से अधिक संपत्ति की जांच पड़ताल गहनता से की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।