महागठबंधन को नीतीश कुमार ने दिखाया ठेंगा,भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर नई सरकार का पेश किया दावा 

नई दिल्ली। जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्हें ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) और ‘महागठबंधन’ में ‘‘स्थिति ठीक नहीं लग रही थी’’ इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का निर्णय लिया। 

 नीतीश 18 महीने पहले भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए थे। कुमार के शाम तक नयी सरकार का गठन करने की संभावना है। उन्होंने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद यहां पत्रकारों से कहा,‘‘मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। अभी तक जो सरकार थी वह अब समाप्त हो गई है।’’ 

 उन्होंने कहा कि वह ‘‘महागठबंधन’’ से अलग होकर नया गठबंधन बनाएंगे। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने यह फैसला क्यों किया, नीतीश ने कहा, ‘‘अपनी पार्टी के लोगों से मिल रही राय के अनुसार मैंने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूर्व के गठबंधन (राजग) को छोड़कर नया गठबंधन बनाया था लेकिन इसमें स्थितियां ठीक नहीं लगी। ’’ 

भाजपा की राज्य इकाई के प्रभारी विनोद तावड़े ने पार्टी मुख्यालय में कहा, ‘‘हम यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनने के लिए एकत्र हुए थे। कार्यक्रम के बाद, जद(यू) को समर्थन देने और राजग सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।’’ तावड़े ने बताया कि भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया। चौधरी और सिन्हा के नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना है। 


उन्होंने यह मौका देने के लिए शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया और बिहार को ‘‘लालू प्रसाद के राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के जंगल राज’’ से बचाने की कसम खाई। इसके बाद तावड़े और चौधरी मुख्यमंत्री आवास गए जहां से वे सभी नयी सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन गए। लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव निवर्तमान सरकार में उपमुख्यमंत्री थे और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव कैबिनेट मंत्री थे। 

लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘कूड़ा फिर से कूड़ेदान में चला’’ गया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कूड़ा गया फिर से कूड़ेदानी में, कूड़ा – मंडली को बदबूदार कूड़ा मुबारक।’’ 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार की राजनीतिक उथल पुथल पर कहा कि इसका अंदेशा उन्हें पहले ही था। खरगे ने नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कहा कि देश में ऐसे कई लोग हैं जो ‘‘आया राम गया राम हैं।’’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नीतीश कुमार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए यह ‘‘राजनीतिक नाटक’’ किया जा रहा है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।’’ 


उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ‘‘विश्वासघात विशेषज्ञ’’ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को माफ नहीं करेगी। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित सबसे अधिक 79 विधायक होने के बावजूद राजद सरकार बनाने का दावा पेश करने की इच्छुक नहीं लगती। ऐसा लगता है कि पार्टी इस मौके का इस्तेमाल तेजस्वी यादव की ‘ब्रांडिंग’ करने के लिए कर रही है। पार्टी ने यहां अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन दिए हैं जिनमें लिखा है, ‘‘धन्यवाद तेजस्वी- आपने कहा, आपने किया और आप ही करेंगे।’’ 

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