एनजीओ के संस्थापक नीलाक्ष आइच ने आरोपी ललित झा को लेकर जानकारी साझा की

नई दिल्ली। संसद सुरक्षा चूक मामले में फरार चल रहे आरोपी ललित झा की तलाश जारी है। पुलिस ने गुरुवार को जानकारी दी कि आखिरी बार उसे राजस्थान के नीमराना में देखा गया था। हालांकि, जब पुलिस की स्पेशल टीम उसे पकड़ने नीमराना के गंडाला गांव पहुची तो ललित वहां से फरार हो गया।

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर प्रदर्शन करने वाले चार आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, पुलिस ने बताया कि दो लोगों से पूछताछ की जा रही है, जिनमें से एक की पहचान विक्की और उसकी पत्नी के रूप में हुई है।

अलग-अलग राज्यों से दिल्ली पहुंचे आरोपी
सूत्रों ने कहा, “अभी तक किसी भी संगठन ने इस कृत्य की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे।

सूत्रों ने आगे जानकारी दी कि”लगभग डेढ़ साल पहले सभी लोग मैसूर में मिले थे। सागर जुलाई में लखनऊ से आए थे। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। वे इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए, इसके बाद सभी लोगों ने स्मोक केन बांटे। सूत्रों ने कहा, ”इस घटना को एक सोची-समझी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है।”

आरोपी ललित ने अपनी पहचान हमेशा गुप्त रखी: नीलाक्ष आइच
आरोपी ललित ने संसद में मची अफरा-तफरी की एक वीडियो एक एनजीओ के संस्थापक नीलाक्ष आइच को भेजी थी। इस मामले पर नीलाक्ष आइच ने कहा,”ललित ने कभी अपने ठिकाने के बारे में नहीं बताया और कहा कि आरोपी ने हमेशा अपनी जानकारी खुफिया रखी।

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आदिवासी शिक्षा पर काम करने वाला एक एनजीओ चलाने वाले नीलाक्ष आइच ने कहा कि आरोपी ललित झा, भगत सिंह फैन क्लब का महासचिव था।

आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
इससे पहले, संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कई प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), धारा 153 (केवल दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 353 (हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं , आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत, पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में धारा 16 और 18 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। मामले को आगे की जांच के लिए स्पेशल सेल में ट्रांसफर किया गया है।

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