नमो घाट पर निर्माणाधीन हाथ के आकार का नया स्टैचू

वाराणसी। नमो घाट पर 75 फीट ऊंचा सूर्य नमस्कार का एक और स्कल्पचर बनाया जा रहा है। नमो घाट पर पहले से सूर्य नमस्कार के स्कल्पचर के लगा हुआ है। इसके पास कांस्य (ब्रांज) का एक स्कल्पचर बनाने का कार्य प्रगति पर है। करीब 75 से 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण भी कर लिया गया है। ऐसे में अब सूर्य नमस्कार का स्कल्पचर आकार लेना शुरू कर दिया है।

यह स्कल्पचर एक माह के भीतर पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट सिटी के तहत करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से वरुणा व असि नदी के संगम के बीच खिड़किया घाट को नमो घाट के रूप में विकसित किया गया है। यह काशी का सबसे बड़ा घाट है।

घाट पर हेलीपैड की भी होगी सुविधा

करीब एक किलोमीटर लंबे व 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले घाट पर हेलीपैड की भी सुविधा बनाई जा चुकी है। प्रथम चरण में इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड ने घाट का निर्माण, सूर्य नमस्कार स्कल्पचर, जेटी, ओपन एयर थियेटर, शौचालय, फूट कोर्ट, स्मारिका प्लाजा, बनाया था।

ओपेन थियेटर से लेकर कैफेटेरिया तक की मिलेगी सुविधा

वहीं द्वितीय व तृतीय चरण मे विसर्जन कुंड, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए मल्टीपरपज ग्राउंड, विसर्जन कुंड, किड्स प्ले एरिया, ओपेन थियेटर, वाटर स्पोर्ट्स, रैंप, कैफेटेरिया, शौचालय भी बनकर तैयार है।

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