ईको पार्क व मालदेवता वाटरफाल से मसूरी को मिलेगी नई पहचान

देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए)। इस नाम का जिक्र आते ही एक नक्शा पास करने वाली एजेंसी की छवि उभरती है। राज्य गठन से लेकर अब तक एमडीडीए नई पहचान के लिए तरसता रहा है। इस छवि को तोड़ने के लिए एमडीडीए ने जी-20 समिट और वैश्विक निवेशक सम्मेलन में जो नए प्रयास शुरू किए थे, उन्हें अब मंजिल मिलती दिख रही है।

सहस्रधारा रोड पर 12.45 हेक्टेयर भूमि पर सिटी फारेस्ट पार्क का निर्माण कर एमडीडीए यह भरोसा दिलाया है कि वह दीर्घकालिक प्रभाव वाले कार्यों को भी भलीभांति करने में सक्षम है।

कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे शहर में एक अदद सार्वजनिक पार्क की जरूरत थी। इस पार्क के निर्माण के बाद न सिर्फ नागरिकों के लिए एक नई सैरगाह मिल गई है, बल्कि इससे एमडीडीए की आय में भी बढ़ोतरी होगी। 36.97 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए पार्क में सघन पौधारोपण तो किया ही गया है, साथ ही बागवानी, उद्यान भी निर्मित किए गए हैं। साथ ही अन्य आकर्षण के रूप में यहां मुक्ताकाश मंच, गजीबो, कैफेटेरिया, बाल क्रीड़ा स्थल, स्केटिंग रिंक, पैदल पथ, रज्जू मार्ग आदि निर्माण को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

ईको पार्क: प्रकृति की गोद में सैर के साथ मिलेगा सुकून
एमडीडीए की दूसरी बड़ी परियोजना है ईको पार्क मसूरी। मुख्यमंत्री की ओर से शिलान्यास किए जाने के बाद इस परियोजना के धरातल पर उतरने की राह भी साफ हो गई है। यह पार्क हरे-भरे वन क्षेत्र वाले मसूरी-चंबा रोड पर हुसैन गंज में विकसित किया जाएगा। मसूरी के लाइब्रेरी चौक से इस क्षेत्र की दूरी महज 2.1 किलोमीटर है।

पार्क की सबसे खास बात यह रहेगी कि यहां जो भी निर्माण किए जाएंगे, वह पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल होंगे और यहां के प्राकृतिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। कुल मिलाकर ईको पार्क यहां की प्राकृतिक छटा में चार चांद लगाने का काम ही करेगा। पार्क का निर्माण 56 करोड़ रुपये से 16.58 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित किया गया है।

एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक, ईको पार्क के निर्माण स्थल में पारिस्थितिक तंत्र को सुधारने का काम किया जाएगा। साथ ही पर्यटकों को पारिस्थितिक तंत्र के प्रति अभूतपूर्व अनुभव कराया जाएगा और इसी तरह की विभिन्न गतिविधियों का संचालन पार्क में कराया जाएगा। ईको पार्क का प्रस्ताव व साइट प्लान तैयार किए जाने बाद अब शीघ्र निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाने को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।

प्राकृतिक स्वरूप सुंदर बनाने के साथ मनोरंजन के इंतजाम
ईको पार्क में पहाड़ियों, वन क्षेत्र व तालाब को नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही पारिस्थितिक तंत्र के प्रति पर्यटकों के ज्ञान में वृद्धि के लिए सूचना केंद्र, पवेलियन और जैवविविधता से परिपूर्ण बागीचे का विकास किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर ट्रेक विकसित किए जाएंगे और कैफे के साथ ही किड्स जोन और एडवेंचर पार्क का भी निर्माण किया जाएगा।

वन क्षेत्र में मौजूद संसाधनों से किया जाएगा निर्माण
एमडीडीए उपाध्यक्ष के मुताबिक, ईको पार्क में ट्रेक, दीवार, मार्ग आदि के लिए वन क्षेत्र व आसपास मौजूद संसाधनों का ही प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही यहां पत्थर की बेंच मिलेगी और पेड़ों के लठ्ठों से बैठने के साधन तैयार किए जाएंगे।

स्काई वाक से आनंद होगा दोगुना
ईको पार्क में पवेलियन सेगमेंट में पर्यटकों को स्काई वाक का अनुभव देने के लिए पिलर के ऊपर मार्ग का निर्माण किया जाएगा।

काष्ठ डिजाइन का नायाब उदाहरण बनेगा कैफे
पार्क क्षेत्र में प्रस्तावित कैफे का निर्माण काष्ठ डिजाइन का नायाब उदाहरण बनेगा। यह कैफे पूरी तरह ईको-फ्रेंडली होगा। इसके प्रत्येक भाग में लकड़ी व अन्य पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं का प्रयोग किया जाएगा।

सैर को बेहतर बनाएगा मालदेवता वाटरफाल
एमडीडीए ने मालदेवता वाटरफाल (जल प्रपात) के सुंदरीकरण की योजना भी तैयार की है। इस वाटरफाल में सुंदरीकरण के विभिन्न कार्य कर ऐतिहासिक झील को भी बेहतर रूप दिया जाएगा। कुल मिलाकर परियोजना में 3000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में स्वीमिंग पूल, कैंटीन, पार्किंग, लान, गार्डन आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

बदहाल गौरा देवी झील को मिलेगा नया जीवन
विधानसभा मार्ग पर डिफेंस कालोनी के पास ऐतिहासिक गौरा देवी झील को बेहतर बनाने के प्रयास सालों से किए जा रहे हैं। बावजूद इसके झील की हालत सुधरने की जगह बिगड़ती चली गई। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6.53 करोड़ रुपये से इसके सुंदरीकरण कार्यों का शिलान्यास कर नई उम्मीद जगाई है। झील के विकास के लिए डिजाइन तैयार किया जा चुका है।

इन कार्यों से भी मिलेगा जनता को लाभ
आइएसबीटी परिसर में लैंडस्केपिंग
आइएसबीटी परिसर में यात्रियों और जनसामान्य की सुविधा के लिए विश्राम स्थल, चिल्ड्रन पार्क, प्ले एरिया, एजुकेशनल फ्लावर गर्दन, जैन गार्डन, एलिवेटेड रेस्टिंग प्लेटफार्म और वृक्ष संवर्धन के कार्य किए जाएंगे।

मियांवाला इंटर कालेज के पास जोहड़ भूमि का विकास
दून में शहर के जलाशय क्षेत्रों के विकास की दिशा में यह परियोजना कारगर साबित होगी। योजना के तहत इंटर कालेज के पास की जोहड़ भूमि पर वाटर पार्क लैंडस्केपिंग के कार्य किए जाएंगे। पार्क के बीच में आयरलैंड विकसित किया जाएगा। साथ ही जागिंग ट्रैक, चिल्ड्रन पार्क, योगा दायक, बेंच, ओपन जिम, गजीबो, एजुकेशनल फ्लावर गार्डन, एक्यूप्रेशर पाथ-वे, जलपान गृह जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

मियांवाला पंचायत घर क्षेत्र में हरित विकास
हरित क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए एमडीडीए मियांवाला पंचायत घर क्षेत्र में गन्ना सेंटर के पास की भूमि पर पार्क निर्माण/लैंडस्केपिंग व सुंदरीकरण के कार्य किए जाएंगे।

इन योजनाओं का किया गया शिलान्यास

परियोजना  लागत (रु, में)
आढ़त बाजार पुनर्विकास100 करोड़
ईको पार्क मसूरी56 करोड़
मालदेवता वाटरफाल सुंदरीकरण4.35 करोड़
गौरा देवी पार्क एवं कृत्रिम झील सुंदरीकरण6.53 करोड़
आइएसबीटी में लैंडस्केपिंग व अन्य11 करोड़
मियांवाला में लैंडस्केपिंग3.90 करोड़
मसूरी माल रोड सुंदरीकरण2.82 करोड़

हरबर्टपुर बस स्टैंड – 3.20 करोड़

Related Articles

Back to top button