रतनी फरीदपुर (जहानाबाद)। जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि जब-जब जदयू ने राजद के साथ गठबंधन किया, तब-तब प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई और विभागों से भ्रष्टाचार की दुर्गंध आने लगी। यही कारण रहा कि राजद से अलग होकर जदयू ने पुनः भाजपा के साथ सरकार बनाई है।
नीरज ने यह बात जहानाबाद के जिला अध्यक्ष शशि भूषण उर्फ गोपाल शर्मा के गांव सेशम्बा में कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार राजद को भ्रष्टाचार व अपराध पर सरकार की जीरो टालरेंस नीति से अवगत कराते रहे, लेकिन वे लोग बाज नहीं आ रहे थे।
इस कारण एक बार पुनः राजद से अलग होने में हमलोगों ने प्रदेश की भलाई समझी। मुख्यमंत्री को बिहार के विकास की चिंता है, जबकि राजद को केवल पैसा बनाने की चिंता रहती है। जो भी विभाग राजद के पास था, उससे भ्रष्टाचार की बू आ रही थी।
लोस चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर लगाना होगा जोर
लोकसभा चुनाव का बिगुल अभी नहीं बजा है। पर राजनीतिक हलचल तेज है। सभी दल के लोग चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की राजनीति बनाने में जुट गए हैं। चुनाव आयोग निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने की आवश्यक तैयारी कर रही है।
जहानाबाद लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनाव आयोग की सबसे बड़ी मुहिम होगी। दरअसल, इस संसदीय क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में लगातार गिरावट चिंता का विषय है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की कम दिलचस्पी सामने आ चुकी है।
मतदान प्रतिशत का यह आंकड़ा बेहतर नहीं
2014 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में 57.04 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में मात्र 51.76 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में 59 प्रतिशत पुरुष तथा 54 प्रतिशत महिला मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में शामिल हुए थे।
2019 में 53 प्रतिशत पुरुष तथा 49 प्रतिशत महिला मतदाताओं द्वारा वोट डाले गए थे। मतदान प्रतिशत का यह आंकड़ा बेहतर नहीं है। लोकतंत्र के हित में इसे और बढ़ाने की जरूरत है।
सभी प्लस टू स्कूलों में लोकतंत्र पाठशाला की तैयारी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनाव आयोग ने अधिक से अधिक वोटिंग के लिए खास रणनीति बनाई है। जागरूकता के लिए जिले के सभी प्लस टू स्कूल में लोकतंत्र पाठशालाएं संचालित करने की पहल की जा रही है। चुनाव पाठशाला मतदान केंद्र स्थल पर लगेगी।
पाठशालाओं का गठन मतदान केंद्र भवनों के स्तर पर किया गया
इन पाठशालाओं का गठन मतदान केंद्र भवनों के स्तर पर किया गया है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को मतदाता शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने को भी कहा गया है।
इसके लिए निर्वाचन विभाग की ओर से जीविका परियोजना के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर सहयोग प्राप्त करने के लिए सहमति जताई गई है। मतदाताओं को जागरूक करने के अन्य माध्यमों को भी चुनाव आयोग अपनाने जा रही है।
दीवाल लेखन, जागरूकता रैली तथा प्रचार प्रसार के अन्य माध्यमों से लोगों को यह समझाया जाएगा कि हर एक वोट जरूरी है। चुनाव के दिन सबसे पहले मतदान करें उसके बाद कोई काम।