प्रशासन में सुधार करने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत- RBI 

 मुंबई। पंचायतों को अपने कर और गैर-कर राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के साथ अपने प्रशासन में सुधार लाने के प्रयासों को भी तेज करने की जरूरत है। आरबीआई की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया। पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) को वित्त के मामले में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

दरअसल संपत्ति कर, शुल्क और जुर्माने से मिलने वाला उनका अपना राजस्व सीमित है। आरबीआई की ‘पंचायती राज संस्थाओं के वित्त’ पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पंचायती राज संस्थाओं का लगभग पूरा राजस्व सरकारों से मिलने वाले अनुदान के जरिये आता है। इस तरह केंद्र एवं राज्य सरकारों पर उनकी अधिक निर्भरता होती है।

प्रशासन में सुधार करने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत

रिपोर्ट कहती है, ‘टिकाऊ वृद्धि के लिए पंचायतों को खुद के कर एवं गैर-कर राजस्व संसाधनों को बढ़ाने और अपने प्रशासन में सुधार करने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत है।’

पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं

इसके साथ ही रिपोर्ट कहती है कि वर्तमान में होने वाली देरी को छोड़कर राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) की जल्द स्थापना काफी अहम है। एसएफसी पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद कर सकते हैं।

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