नई दिल्ली: हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य नागिरकों को अपने मताधिकार के इस्तेमाल के लिए जागरुक करना है। नागरिकों को जागरुक करने के लिए निर्वाचन आयोग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। मतदाता दिवस के पूर्व संध्या पर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल विभाजन वाली चर्चाओं में शामिल न होकर प्रेरित करने वाली चर्चा में शामिल हों।
झूठे तथ्यों का त्वरित जवाब दिया जाएगा
कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों के विश्वास और भरोसे को कम करने के लिए गलत सूचना, डीपफेक और कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनावों की प्रामाणिकता को बनाए रखने के लिए झूठे तथ्यों का त्वरित और मजबूती से जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल भारत के जीवंत लोकतंत्र की धुरी हैं। इसलिए यह जरूरी है कि वे ऐसी चर्चाओं में शामिल हों जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करें।
लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा देश
सीईसी ने मतदान करने के प्रति शहरी और युवाओं की उदासीनता का भी जिक्र किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल, युवा मतदान करने के लिए आगे आएंगे और अपने साथियों को प्रेरित करके एक शानदार उदाहरण पेश करेंगे। कुमार ने कहा कि चूंकि देश लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, इसलिए चुनाव आयोग उनसे निरंतर समर्थन की अपील करता है और उन्हें हमारे पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता है।
कब से हुई राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मनाने की शुरुआत
राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मनाने की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पहली बार साल 2011 में की थी। इसी वर्ष पहली बार 25 जनवरी के दिन राष्ट्रीय मतदाता मनाया गया था। इस साल 2024 में भारत अपना 14वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने जा रहा है।