राजस्थान। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रदेश में अलग-अलग भाजपा नेताओं के बयान लगातार सुर्खियां बंटोर रही हैं. ताजा घटनाक्रम जोधपुर जिले के सरदारपुरा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर महेंद्र सिंह राठौड़ का है, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को फोन पर धमकी दी है. इसस पहले ऐसा ही मामला जयपुर में भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य का सामने आया था, जब उन्होंने एक सरकारी अफसर को रोड पर अवैध मांस की बिक्री बंद करवाने की चेतावनी दी थी.
मेरा नंबर करलो सेव
मंगलवार सुबह राठौड़ ने डिस्काम के चीफ जनरल इंजीनियर एमएस चरण को फोन पर डांटते हुए कहा कि कानों में जो कांग्रेस रूपी रुई है, उसे निकाल देना और मेरा नंबर सेव कर लेना. सरदारपुरा से किसी भी कार्यकर्ता का फोन आए तो उठा लेना. कांग्रेस राज में आपके कार्यालय में बैठकर एक वर्ग को संतुष्ट करने का काम किया जाता है.
हिसाब-किताब होगा
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी भ्रम में मत रहना, यह ट्रांसफर की धमकी नहीं है. अब तक आपने जो धन संग्रह किया उसका हिसाब-किताब मांगा जाएगा और सरदारपुरा में राजधर्म का पालन होगा. उन्होंने कहा कि खेतानाड़ी में बहुत बिजली दे दी, अब सरदारपुरा में अभी राज धर्म का पालन करना होगा.
पेयजल समस्या के बारे में बताया
शाम को राठौड़ ने राईका बाग में ‘राठौड़ आपके द्वार’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे, जहां पर लोगों ने पेयजल समस्या को लेकर डॉक्टर राठौड़ को बताया. उसके बाद पीएचईडी के चीफ इंजीनियर नीरज माथुर से बातचीत की और कहा कि इलाके में पिछले 10 साल से दूषित पानी आ रहा है, कल दोपहर तक कोई भी अधिकारी इसकी जाकर जांच करेगा और 7 दिन के अंदर राईका बाग क्षेत्र में बिल्कुल शुद्ध पानी आएगा. उन्होंने कहा कि अगले मंगलवार को मैं वापस आऊंगा और आप 5 साल साथ रहना चाहते हैं या नहीं रहना चाहते हैं यह आपको डिसाइड करना है.
नमाज और मंदिरों का उल्लेख गलत
सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह राठौड़ की ओर से डिस्कॉम इंजीनियर को लताड़ लगाने के वायरल वीडियो में एक वर्ग को सन्तुष्ट करने, नमाज और मंदिरों का उल्लेख करने पर शहर जिला कांग्रेस कमेटी उत्तर ने नाराजगी जताई है. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार गठन से पहले ही साम्प्रादायिक सौहार्द बिगाड़ने में जुट गई हैं.
ऐसी बातें एक शिक्षक को शोभा नहीं देती
जिलाध्यक्ष सलीम खान ने जारी एक बयान में कहा कि इस तरह की बात किसी शिक्षक को शोभा नहीं देती. वे राजनीतिज्ञ से पहले शिक्षक हैं. शिक्षक के लिए सभी बराबर है. झूठी प्रसिद्धि पाने के लिए राठौड़ साम्प्रदायिक सद्भावना वाले शहर में खत्म कर रहे है. शहर में उन्हें अमन-शांति रखने में और विकास करने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए. उन्हें ऐसे वक्तव्य पर माफी मांगनी चाहिए. उनके बयान से शहर का बुद्धिजीवी वर्ग चाहे वो किसी भी धर्म या संप्रदाय से हो, सभी निराश हैं.