बलियावासियों को देखकर दूर हो गई मेरी थकान, भूख और प्यास: कैलाश

कैलाश खेर ने गीतों से बांधा समा, रातभर झूमे दर्शक

बलिया। स्थापना दिवस के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान भारतीय सूफी गायक कैलाश खेर के गानों पर लोग देररात तक झूमते रहे। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का शुभारम्भ मुख्य अतिथि तथा कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि बलिया का एक अपना सांस्कृतिक इतिहास तथा वीरता का भी एक इतिहास है। उसका बराबर स्मरण होता रहे। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि बलिया के गौरवशाली इतिहास को बराबर स्मरण करने के लिए स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया है। इससे पूर्व मुख्य अतिथि सूर्य प्रताप शाही द्वारा कैलाश‌ खेर को अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।


कैलाश खेर के मंच पर आते ही दर्शकों ने जोरदार स्वागत किया। कैलाश खेर ने बगड़ बम बबम बम बबम बम बम लहरी,बगड़ बम बबम बम बबम बम बम लहरी, मेरी एक सुनो अंतर्यामी,नमेरी एक सुनो भोलेस्वामी की जैसे ही शुरूआत किया दर्शकों में जोश भर गया। कैलाश खेर के गानों पर दर्शक देर रात तक झूमते रहे। दौलत शोहारत क्या करनी है गाना गाया तो दर्शक भाव विभोर हो गए। कैलाश खेर ने कहा कि एक दिन पूर्व ही दिल्ली में गाना गाकर आया हूं, आराम नहीं मिला, लेकिन बलियावासियों का प्यार देख मेरी भूख प्यास सब मिट गई है। इस दौरान कैलाश खेर ने डोलना का अर्थ भी समझाया। इस बीच एक लाख से अधिक दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया गया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, जिलधिकारी रविन्द्र कुमार,भाजपा जिलाध्यक्ष संजय यादव आदि रहे।

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