सात करोड़ से अधिक लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प ले चुके: प्रो.बिहारी लाल शर्मा

-अनुलोम-विलोम योग अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ लाभदायक मानते हैं

वाराणसी। 10 वें अंतर राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित सप्ताहव्यापी योग शिविर के अंतिम दिन गुरूवार को लोगों ने पूरे उत्साह के साथ योगाभ्यास किया। योगी डॉ राजकुमार मिश्र की देखरेख में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने अनुलोम-विलोम,प्राणायाम योग को जीवन का हिस्सा बनाने,अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2024 को “स्वयं और समाज के लिए योग” थीम के साथ योग करने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि भारत सरकार इस शक्तिशाली योग अभ्यास के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान कर रही है। पिछले वर्षों की परंपरा का पालन करते हुए,योग के प्रति अपने समर्पण को याद करने के लिए प्रतिज्ञा ले सकते हैं और प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इस वर्ष, यह प्रतिज्ञा योग आयुष वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध है। 07 करोड़ से ज़्यादा लोग पहले ही योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प ले चुके हैं।

सप्ताह व्यापी योग शिविर के अंतिम दिन प्रशिक्षण एवं योगाभ्यास कर रहे छात्रों से कुलपति ने कहा कि योग वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के साथ-साथ एकता के भावना को बढ़ावा देने पर जोर देता है। कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से योगासनों के अभ्यास की सलाह दी जाती है। इसमें भी प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए विशेष लाभदायक है। अनुलोम-विलोम योग के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ बहुत ही लाभदायक मानते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के साथ शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं।

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