नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के आरोप में लोकसभा से 50 से ज्यादा सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित अन्य विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था। अध्यक्ष द्वारा उनका प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। आपको बता दे की एक दिन पहले 33 लोकसभा सांसद निलंबित किए गए थे जिनमे अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एन्टो एंटोनी, के. मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, सु थिरूनवुक्करास, विजयकुमार वसंत, के जयकुमार, अब्दुल खालिक, टीआर बालू, ए राजा, दयानिधि मारन, गणेशन सेल्वम, सी एन अन्नादुरई, टी. सुमति, एस. एस. प्लानिमणिक्कम, एस. रामलिंगम, वी कलानिधि, कल्याण बनर्जी, सौगत राय, शताब्दी राय, असित कुमार माल, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, सुनील मंडल, प्रसून बनर्जी, अपरूपा पोद्दार, ईटी मोहम्मद बशीर, कनी के नवस, कौशलेंद्र कुमार और एनके प्रेमचंद्रन को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
इससे पहले 14 दिसम्बर को लोकसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के आरोप में 14 सांसदों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबित किए गए 14 सांसदों में कांग्रेस के 9 सांसद, हिबी ईडन, एस. ज्योतिमणि, टी एन प्रथापन, राम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेहनन बैन्नी,मोहम्मद जावेद और माणिक्कम टैगोर के अलावा डीएमके के 2 सांसद कनिमोझी एवं एसआर पार्थिबन, सीपीआई (एम) के 2 सांसद पीआर नटराजन एवं एस वेंकटेशन के साथ ही सीपीआई के एक सांसद के सुब्बारायण भी शामिल थे।