बांकेबिहारी मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की बढी भीड़

वृंदावन में प्रस्तावित बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के लिहाज से प्रशासन ने तय किया है कि अभी बांकेबिहारी मंदिर की परिधि (5.65 एकड़) में कोई भी सरकारी निर्माण कार्य नहीं होगा। निजी निर्माण कार्य की अनुमति पर भी रोक लगाई गई है। मंडलायुक्त और डीएम के बीच हुई वार्ता के बाद इस पर सहमति बनी है। इसके पीछे मंशा यह है कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान फिर से तोड़ने से बचने के लिए नए निर्माण न किए जाएं।

वृंदावन में वर्तमान बांकेबिहारी मंदिर की 5.65 एकड़ परिधि में ठाकुर श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर बनना प्रस्तावित है। हाईकोर्ट ने इसके निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। राज्य सरकार इसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव भी पास कर चुकी है। चुनावी आचार संहिता के चलते इस पर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया। मगर, अब आचार संहिता हट चुकी है। ऐसे में प्रशासन इसको लेकर अलर्ट हो गया है। मगर, अभी शासन की निर्माण संबंधी गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।

यह है प्रोजेक्ट
कॉरिडोर बिहारीजी मंदिर के सामने 5.65 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है, जो जमीन की भौगोलिक स्थिति के चलते दो हिस्सों में होगा। इसे विद्यापीठ और परिक्रमा मार्ग से जोड़ा गया है। प्रस्तावित कॉरिडोर में बिहारीजी के भक्तों की प्रत्येक सुविधा का ध्यान रखा गया है। इसमें एक साथ 10 हजार लोगों की मौजूदगी हो सकेगी। इस पर करीब 505 करोड़ रुपये के खर्च का आकलन किया गया है। कॉरिडोर के लिए करीब 276 से अधिक दुकान और मकानों का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 149 आवासीय, 66 व्यावसायिक, 57 मिश्रित भवन हैं। जमीन अधिग्रहण और निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई होनी है। मगर, अभी तक इसके संबंध में गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई हैं। गाइडलाइन में ही तय होगा कि आखिर जमीन अधिग्रहण को किस दर पर किया जाएगा। जिन लोगों की जमीन ली जाएगी, उनको मुआवजे के साथ ही कॉरिडोर में कुछ दिया जाएगा या नहीं। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। मगर, अभी तक कोई गाइडलाइन स्थानीय प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है। गाइडलाइन आते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल कॉरिडोर के संभावित क्षेत्र में नये निर्माण कार्यों पर रोक लगाना तय हुआ है।

प्रशासन 300 निर्माणों के सर्वे और उनकी कीमत के आकलन में जुटा
बांकेबिहारी कॉरिडोर के लिए प्रशासन जमीन अधिग्रहण की दिशा में विचार करने में लगा है। 300 के करीब निर्माणों को हटाने के लिए चिन्हीकरण पहले ही हो चुका है। मगर, अब फिर से एक बार पुख्ता सर्वे कराने और जमीन की एवज में दिए जाने वाले मुआवजे की कीमत तय करने में जुट गया है। यह पूरा खाका राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उसी अनुसार जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा राशि जारी होगी। बांकेबिहारी कॉरिडोर के लिए 5.65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। स्थानीय लोगों को जमीन देने के लिए मनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रशासन आगे की दशा में कदम बढ़ाएगा।

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