बेनी बाबू के सहारे कुर्मी वोटरों को साध गए मोदी

पीएम ने सपा और कांग्रेस पर लगाया अनदेखी का आरोप

बाराबंकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चुनावी जनसभा से हिंदुत्व के एजेंडे को धार देते हुए कई संधान किए। पीएम मोदी ने कुर्मी वोटरों पर निशाना साधते हुए विपक्ष पर कई आरोप लगाए। उन्होंने मंच से कहा कि बाराबंकी के किसान राम सरन वर्मा को को भाजपा सरकार पद्म सम्मान देती है। कृषि में उनके योगदान को नमन करती है। और ये कांग्रेसी बेनी प्रसाद वर्मा जैसे वरिष्ठ नेता का डगर डगर अपमान करते हैं। ये देखकर भी सपा के शहजादे चुप रहते हैं। वो बेनी बाबू जिन्होंने देश और समाज की सेवा में पूरा जीवन खपा दिया। उनको सपा और कांग्रेस ने अपमानित किया है। भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास के पवित्र मंत्र पर चलती हैं। साथ ही, उन्होंने राम मंदिर के जरिए आस्था की बात की और विश्व पटल पर भारत के बढ़ती चमक-दमक की चर्चा कर देश की सुरक्षा, प्रगति से समझौता न करने का संदेश भी दिया।

प्रधानमंत्री के भाषण के केंद्र बिंदु में बुलडोजर, भारत सरकार की योजनाएं, कुर्मी समाज, राम मंदिर, सीएए और विकसित भारत रहे। प्रधानमंत्री ने बेनी बाबू का जिक्र कर जिलों की सियासत में निर्णायक दखल रखने वाले कुर्मी समाज को भी साधने की कोशिश की। इस दौरान मंच पर जिला प्रभारी, एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, मुकुट बिहारी वर्मा, साकेंद्र वर्मा के जरिए कुर्मी समाज को एकजुट करने की कोशिश की गई। वहीं बेनी बाबू के बारे में अगर यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सिरौली भवन से लेकर अन्य कई सियासी घरानों में उजाले की किरणें बाबूजी की यशः कीर्ति का परिणाम हैं। समर्थकों में इतनी गहरी छाप है कि बेनी बाबू का नाम लेने भर से सियासत की बयार बदलने लगती है। आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 में भी बेनी बाबू का नाम जपकर न सिर्फ इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बल्कि भाजपा प्रत्याशी भी बेड़ा पार लग जाने की मंशा पाले हुए हैं। आखिरकार बाराबंकी की सियासत की धुरी एक बार फिर बेनी बाबू बन गए हैं। अब देखना होगा कि मोदी का कुर्मी प्रेम कितना कारगर साबित होता है वहीं बेनी बाबू के बेटे राकेश वर्मा की सहानुभूति और समर्थन से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी तनुज पुनिया को कितना लाभ मिलता है यह समय तय करेगा।

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