नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता की। इस वार्ता का लक्ष्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाना और महत्वपूर्ण खनिजों और व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक संबंधों को गहरा करना है।
सोमवार को दूसरी भारत-ऑस्ट्रेलिया टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग से बातचीत की।
वहीं, मंगलवार देर रात विदेश मंत्रालय ने इस वार्ता को लेकर ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया। ज्वाइंट स्टेटमेंट में जानकारी दी गई कि दोनों देशों के बीच, इंडो-पैसिफिक, मध्य पूर्व, और रूस-यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
इन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच हुई चर्चा
वहीं, युद्ध की वजह से पैदा मानवीय संकट से निपटने को लेकर भी चर्चा हुई। वैश्विक आर्थिक प्रणाली और खाद्य सुरक्षा को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। भारत ने जी20 की अध्यक्षता का समर्थन करने पर ऑस्ट्रेलिया का शुक्रिया अदा किया।
इजरायल हमास युद्ध पर दोनों देशों ने चिंता जताते हुए कहा कि युद्ध में बंधक बनाए गए लोगों की जल्द रिहाई होनी चाहिए। वहीं, गाजा में फलस्तानी लोगों के लिए राहत और जरूरी सामग्री पहुंचाई जाए। वहीं, इजरायल-फलस्तीन क्षेत्र के साझेदारों को बातचीत के जरिए मामले का समाधान निकालना चाहिए।
म्यांमार को लेकर भी दोनों देशों ने की बातचीत
वही, म्यांमार में बढ़ रही अशांति को लेकर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हुई। पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। यह नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट की सशस्त्र शाखा है। 1 फरवरी 2021 को हुए सैन्य तख्तापलट के जवाब में पीडीएफ का गठन किया गया है। इस संगठन का उद्देश्य म्यांमार में सैन्य ताकत से लड़ते हुए देश में फिर से चुनी गई सरकार के जरिए लोकतंत्र स्थापित करना है।