लखनऊ। जैसा कि आप अवगत है कि विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के आयुष विभाग में एक दिवसीय निःशुल्क आयुष (आयुर्वेद पंचकर्म, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, रेकी, प्राणिक हीलिंग) परामर्श एवं जागरूकता शिविर का आयोजन प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को आयोजित किया जाता है।
विदित हो कि विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ उत्तर प्रदेश में 350 बिस्तरों वाला एक एन.ए.बी.एच. एवं एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त मल्टी-स्पेशेलिटी अस्पताल है। साथ ही साथ आयुष विभाग द्वारा अस्पताल में आयुर्वेद एवं पंचकर्म, होम्योपैथी, योग एवं नेचुरोपैथी, यूनानी, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, प्राणिक हीलिंग एवं रेकी द्वारा इलाज किया जाता है। इस अवसर पर एक दिवसीय निःशुल्क परामर्श एवं जागरूकता शिविर का आयोजन दिनांक 30.03.2024 को प्रातः 9:00 बजे से सायं 4:00 बजे तक किया जायेगा।
आयुष विभाग द्वारा एक दिवसीय निःशुल्क शिविर में पंजीकरण एवं परामर्श के साथ चिकित्सकीय सेवा एवं विभागों द्वारा यथा संभव निःशुल्क दवाइयों का वितरण किया जायेगा।
आयुर्वेद भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति नहीं यह जीवन का विज्ञान है, एवं समस्त चिकित्सा पद्धतियों का जन्मदाता है। आयुर्वेद के अनुसार चिकित्सा त्रिदोष एवं सप्त धातुओं पर आधारित है, इसमें दिनचर्या, ऋतुचर्या एवं आहार-विहार का विशेष महत्व है। इसमें उपयोग होने वाली समस्त औषधीय विशेष कर वनस्पतियों से निर्मित होती हैं, इसलिए इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता एवं विधि पूर्वक प्रयोग करने से व्याधियों का समूल नाश होता है। शिविर में पंचकर्म चिकित्सा पर 50 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जाएगी।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ जीवन जीवन जीने की उत्कृष्ट एवं नैसर्गिक चिकित्सा विज्ञान है। जिसमें शरीर शोधन , संक्रमण से बचाव, स्वास्थ्य संवर्धन, स्वास्थ्य संरक्षण, स्वास्थ्य प्रबंधन, रोग निवारण, रोग प्रबंधन, इम्यूनिटी बूस्टर एवं स्वास्थ्य स्वालंबन की अद्धितीय क्षमता विद्यमान है। प्राचीन ग्रंथो में उपलब्ध साक्ष्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि प्राकृतिक चिकित्सा का प्रयोग प्राचीन भारत में व्यापक रूप से प्रचलित था।
अस्पताल के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग में पंचमहाभूत (मिट्टी, पानी, धूप, हवा, एवं आकाश ) स्टीम बाथ, फुल टब बाथ,कटि स्नान,गरम-ठन्डा सेक, मिट्टी की पट्टियां, धूप स्नान, वैज्ञानिक मालिश, आहार चिकित्सा, एक्युप्रेशर, मैग्नेट थैरेपी,रेकी योग-आसन, प्राणायाम, बन्ध, मुद्रा, ध्यान, षठकर्म- (नेति ,धौति, बस्ती ,नौली, त्राटक, एवं कपालभाति ) एवं होलिस्टिक उपचार की सेवाएं उपलब्ध हैं।
होम्योपैथी “समः समम् शमयति” या “समरूपता” दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है। यह दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है, जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है। इस पद्धति में रोगियों का उपचार न केवल होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से, बल्कि रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझ कर उपचार किया जाता है।
स्वामी विवेकानन्द ने एक बार कहा थाः “एक एलोपैथ आता है और हैजा के रोगियों का इलाज करता है और उन्हें अपनी दवाएं देता है। होम्योपैथ आता है और अपनी दवाएं देता है और शायद एलोपैथ की तुलना में अधिक ठीक करता है क्योंकि होम्योपैथ रोगियों को परेशान नहीं करता है बल्कि प्रकृति को उनसे निपटने की अनुमति देता है।“
यूनानी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें किसी भी रोग का इलाज करने के लिए मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को शक्तिशाली बनाया जाता है।
प्राणिक हीलिंग/रेकी हमारे शरीर में ऊर्जा के द्वारा उपचार करती है। यह रोगी के शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के साथ-साथ तनाव दर्द और थकान को कम करने का कार्य करता है।
एक्यूपंचर दर्द से राहत दिलाने के लिए शरीर के विभिन्न बिंदुओं में सुई चुभाने की प्रक्रिया है।एक्यूपंचर एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है। इसका प्रयोग अपने देश में कई वर्षों से हो रहा है।
उपरोक्त के संबंध में संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने बताया कि जहां आधुनिक चिकित्सा समाप्त होती है, वहीं से आयुष चिकित्सा प्रारंभ होती है। इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि आयुष चिकित्सा में ऐसे तमाम जटिल असाध्य रोग जैसे मधुमेह, कैंसर, मोटापा जोड़ों का दर्द, त्वचा संबंधी विकार, मानसिक रोग, पेट एवं पाचन संबंधी, हृदय संबंधी एवं महिलाओं से संबंधित समस्याओं का उपचार आयुष पद्धति से शत् प्रतिशत सफलता के साथ किया जा सकता है।
(स्वामी मुक्तिनाथानन्द)
सचिव
रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम
विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ