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पटना। राजभवन में एनडीए की नयी सरकार के शपथग्रहण का समय पांच बजे का था। सारी निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तलाश रही थी। पांच बजने में जब पांच मिनट शेष थे तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन के राजेंद्र मंडप में पहुंचे।
आगे की कतार में बैठे लोगों का अभिवादन करने के बाद मुख्यमंत्री मनोनीत आठ मंत्रियों से मिलने पहुंच गए। सभी से मिलने के बाद वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास में जाकर बैठ गए। सबसे दिलचस्प यह रहा कि मंत्री पद की शपथ लेने वाले बिजेंद्र यादव शपथ ग्रहण के लगभग 40 मिनट पहले राजभवन पहुंच गए।
वह मनोनीत मंत्रियों की कुर्सी पर जाकर बैठ गए। उसी समय मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पहुंचे। अधिकारियों के निर्देश पर उस माइक की चेकिंग आरंभ हो गयी जिस पर शपथ ग्रहण होना था। हलो माइक टेस्टिंग के बीच बैठे रहे लोग।
बिजेंद्र यादव के बाद संतोष सुमन और फिर विजय चौधरी पहुंचे
बिजेंद्र यादव के बाद संतोष सुमन और फिर विजय चौधरी पहुंचे। सभी ने मनोनीत मंत्रियों के लिए तय आगे की सीट पर खुद को बिठाया। इसी बीच सम्राट चौधरी भी पहुंचे। वह भी आगे लगी कुर्सी के किनारे वाले हिस्से पर बैठ गए। इसके बाद अन्य मंत्रियों ने कुर्सी ली।
महत्वपूर्ण यह था कि समर्थकों ने भारत माता की जय के साथ-साथ नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे खूब लगाए। राजभवन परिसर में सम्राट चौधरी के समर्थकों ने शेर ए बिहार सम्राट चौधरी का नारा लगाया।
शपथ ग्रहण समाप्त होने के बाद जब डॉ प्रेम कुमार बाहर निकले तो बड़े ही भावपूर्ण अंदाज में उन्होंने कहा कि भगवान राम की कृपा से बने हैं। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री (बिहार-झारखंड) नागेंद्र जी से उन्होंने आशीर्वाद भी लिया।
राजभवन में ही नए मंत्रियों को बुके भेंट कर दिया
उन्होंने कहा कि जो खेला होना था वह हो चुका, अब कोई खेला नहीं होने वाला है। राजभवन में पास के साथ पहुंचने वाले कई लोग बुके भी साथ में लाए थे। राजभवन में ही नए मंत्रियों को बुके भेंट कर दिया।
दिलचस्प यह भी था कि शपथग्रहण पांच बजे था पर चार बजे ही राजेंद्र मंडपम की सभी कुर्सियां भर चुकीं थी। दरअसल समर्थकों को इस तरह के शपथग्रहण समारोह का इतना अधिक अनुभव हो चुका है कि उन्हें यह मालूम है कि शपथ ग्रहण के कितना पहले पहुंचे तो कुर्सी मिल सकती है।