वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी कारोबारी बाकिबुर रहमान चावल गेहूं और चीनी की बांग्लादेश से करता था तस्करी

कोलकाता। बंगाल के राशन घोटाले में आए दिन चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। अब ईडी को संदेह है कि घोटाले में गिरफ्तार वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी कारोबारी बाकिबुर रहमान चावल, गेहूं और चीनी की बांग्लादेश तस्करी करता था। अब केंद्रीय एजेंसी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। वहीं बाकिबुर पर जमीन कब्जाने का भी आरोप लगा है।

लोगों का आरोप है कि बाकिबुर उत्तर 24 परगना के बादुरिया शहर के मुख्य केंद्र में डांस बार खोलना चाहता था। तत्कालीन महापौर तुषार सिंह व स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। परिणामस्वरूप बाकिबुर ने लगभग 300 कट्ठा भूमि पर गेहूं, चावल और आटा भंडारण के लिए एक गोदाम बनाया। आरोप है कि डरा-धमका कर कुछ लोगों की जमीन पानी के मोल खरीद ली गई। लोगों को नौकरी देने की बात हुई लेकिन शिकायत यह है कि किसी को नौकरी नहीं मिली।

ईडी ने मंत्री ज्योतिप्रिय से की पूछताछ
दूसरी ओर उत्तर 24 परगना में सिर्फ बाकिबुर से ही नहीं बल्कि जिले के कई अन्य मिल मालिकों के भी इस घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय के करीबी रिश्ते थे। जांचकर्ताओं का कहना है कि उनसे पैसा मंत्री तक पहुंचा या नहीं, जांच का विषय है। मंगलवार को ईडी ने मंत्री ज्योतिप्रिय से पूछताछ की। जांच में सामने आई मैरून रंग की डायरी को लेकर रहस्य बना हुआ है, जिस पर ‘बालूदा’ लिखा है? ज्योतिप्रिय का उपनाम ‘बालू’ है।

बाकिबुर रहमान प्रायोजित फिल्म के निर्देशक बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन घोटाले में आरोपित बाकिबुर रहमान द्वारा निर्मित एक बांग्ला फिल्म पर विवाद और गहराता नजर आ रहा है, क्योंकि फिल्म के निर्देशक और उपन्यास के लेखक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वर्तमान और पूर्व कर्मचारी हैं।

निर्देशक हैं सौरव मुखर्जी
2014 में रिलीज हुई फिल्म मैंग्रोव राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक पार्थसारथी गायेन द्वारा लिखित उपन्यास पर आधारित है। फिल्म के निर्देशक सौरव मुखर्जी हैं, जो उसी विभाग के वर्तमान कर्मचारी हैं। बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी और करोड़ों रुपये शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपित अर्पिता मुखर्जी फिल्म की मुख्य भूमिका में हैं।

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