मेंथा की टंकी फटने से बुजुर्ग घायल, जानिए क्या करें उपाय तो नहीं फटेगी टंकी

  • विशेषज्ञों की बातों का रखें ध्यान नहीं होगी दुर्घटना

बाराबंकी। इन दिनों खेतों में मेंथा की फसल तैयार हो गई है। जिसकी पिराई का क्रम तेजी से जारी है। ऐसे में लापरवाही होने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सोमवार को तहसील रामनगर अंतर्गत ग्राम मलिहामऊ में दिन में 10 बजे मेंथा की टंकी फटने से 65 वर्षीय महावीर पुत्र रामआसरे प्रजापति गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें उपचार के लिए रानी बाजार स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया है। जहां चिकित्सकों की निगरानी में उनका उपचार जारी है। जनता की टंकी फटने के विभिन्न कारण होते हैं। ऐसे में एक जरा सी चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। ऐसे में आप किन उपायों को करके टंकी को फटने से बचा सकते है। उसके संबंध में विशेषज्ञ बताते हैं कि वेपर पाइप और कंडेंसर के पाइप को मोटा और टंकी और पाइप के बीच में एक जाली लगाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। टंकी के ऊपर ढक्कन में एक सेफ्टी वाल्व और प्रेशर गेज लगाने से भी दुर्घटना नही होती है। इसमें लगभग दो से ढाई हजार रुपये का खर्च आता है। इसके अतिरिक्त आसवन करते समय कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों पर विशेष ध्यान रखने से दुर्घटना से भी बचा जा सकता है।

इस बातों का रखें ध्यान
(1) आसवन से पूर्व टंकी की अच्छी प्रकार से सफाई एवं जांच करलें कहीं से टंकी की चादर गली न हो ।

(2) क्वायल कंडेंसर में पानी डालकर रुकावट की जांच कर लें।

(3) मेंथा की पत्ती भरने से पहले टंकी में लगभग डेढ़ से दो फिट पानी भरें।

(4) आवश्यकता से अधिक मेंथा की पत्ती को दबाकर ना भरें तथा पत्ती को भाप नली के नीचे तक ही भरें।

(5) कंडेंसर से निकलने वाले तेल का बहाव एवं तापमान को समय-समय पर जांचते रहें।

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