वाराणसी। नगर निगम ने हरिद्वार, अयोध्या व मथुरा के तर्ज पर बनारस में भी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दो किलोमीटर की परिधि में मांस की दुकानें प्रतिबंधित कर दी है। इस क्रम में निगम ने प्रथम चरण में शुक्रवार को बेनियाबाग व नई सड़क की 26 मांस की दुकानें सील कर दी है।
निगम की इस कार्रवाई से बेनियाबाग व नई सड़क क्षेत्र में मांस की बेचने वाले दुकानदारों में खलबली मची हुई है। गत 18 जनवरी को सदन की बैठक में नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा 91 (2) के तहत पार्षद इंद्रेश कुमार सिंह ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के आस-पास मांस-मदिरा की दुकानें प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा था।
सदन ने काशी विश्वनाथ धाम के दो किमी की परिधि में मांस की दुकानें प्रतिबंधित करने की मंजूरी दे दी थी। इस क्रम में सर्वे के बाद निगम ने प्रथम चरण में बेनियाबाग व नई सड़क क्षेत्र की 26 दुकानों को नोटिस दी थी। नोटिस में मांस बेचने वाले दुकानदाराें को सप्ताहभर की मोहलत दी गई थी।
इसके बाद निगम की प्रवर्तन दल की टीम ने सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दो किमी परिक्षेत्र में एनाउंस कर मांस की दुकानें बंद करने की अपील की थी। स्वत: मांस की दुकानें न हटाने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी। यही नहीं प्रवर्तन दल मांस के दुकानदारों से नगरनिगम के प्रस्ताव के बारे अवगत कराया था।
इसके बाद कई दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी थाी। वहीं कई दुकानदारों पर नोटिस का कोई असर नहीं पड़ा। इसे देखते हुए पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रवर्तन दल व की टीम मांस को सीज कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या पुलिस फोर्स भी मौजूद थी।
निगम की इस कार्रवाई से मांस बेचने वाले दुकानदारों रोष है। दुकानदारों का कहना है कि लंबे साल से हम लोग मांस की दुकान लगा रहे हैं। मानक अनुरूप पर्दा लगाकर मांस बेचते हैं। ऐसे में दुकानों का बंद करना अनुचित है। अब नए स्थान पर दुकान लगाना भी आसान नहीं होगा।
उन्होंने निगम पर मनमाने तरीके से कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया है। नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि निगम के सदन के आदेश के क्रम में मांस की दुकानें बंद कराई गई है।
उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के दो किलोमीटर की परिधि में मांस की दुकानें के सर्वे का कार्य अब भी जारी है। ऐसे में इस क्षेत्र में कुछ और मांस की दुकानें जल्द बंद कराई जाएगी।