उन्नाव। तीन बार के सांसद 85 वर्षीय देवीबक्स सिंह की सेवा के लिए उनके दो पुत्रों के बीच चल रही खींचतान का मामला हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच तक पहुंच गया। जहां अस्वस्थ होने के चलते व्हीलचेयर पहुंचे पूर्व सांसद के बयान को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने बड़े बेटे की याचिका को खारिज कर दी।
कोर्ट ने अपनी मर्जी से जहां चाहे वहां रहने के लिए कहा लेकिन, न्यायालय में उनका बयान देने के बाद उनके स्वयं के घर की लाइट काट दी गई। करीब तीन घंटे तक उन्हें अंधेरे में रहना पड़ा और पुलिस बुलाने के बाद बिजली आपूर्ति चालू हो सकी।
वर्ष 1991 से 1999 तक तीन बार सांसद रहे भाजपा नेता देवी बक्स सिंह को अपने पास रखने और उनकी सेवा करने के लिए बेटों के बीच चल रहा विवाद घर की दहलीज से निकल कर पुलिस थाने और उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है।
तीसरी नोटिस के बाद कोर्ट में हुए पेश
हालांकि उच्च न्यायालय की तीसरी नोटिस के बाद 29 फरवरी को पूर्व सांसद स्वयं व्हीलचेयर पर न्यायालय में पेश हुए, जहां न्यायमूर्ति के सामने उन्होंने स्वयं अपना परिचय देते हुए छोटे बेटे उदयवीर सिंह के साथ रहने और पूर्व में उदयवीर की सेवा से संतुष्ट होने की बात कही। जिसे सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने बड़े बेटे महावीर सिंह की याचिका को खारिज कर दिया और पूर्व सांसद को उनकी मर्जी से किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया।
पूर्व सांसद के छोटे पुत्र उदयवीर सिंह ने बताया कि न्यायालय में बयान देने के बाद जब वह वापस घर पहुंचे तो उनके घर के हिस्से की लाइट परिवार के ही लोगों ने झल्लाहट में काट दी। जिसकी सूचना उदयवीर ने पुलिस अधीक्षक को दी और फिर सीधे गंगाघाट थाने में जाकर दी।
पुलिस के पहुंचने पर जोड़ा गया तार
इसके बाद पिता पूर्व सांसद देवी बक्स सिंह को लेकर घर पहुंचा और अंधेरे में किसी तरह से उन्हें कमरे में काफी देर तक गुजारना पड़ा। पुलिस के घर पहुंचने के बाद किसी तरह मैकेनिक बुला कर तार जोड़ा गया।
इस दौरान उन्हें लगभग तीन घंटे तक अंधेरे में रहना पड़ा। उधर न्यायालय के आदेश की कुछ जानकारी देकर पूर्व सांसद ने छोटे बेटे उदय और बहू सुषमा की सेवा से स्वयं को संतुष्ट होना बताया।