कोलकाता। बुधवार को संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपित ललित झा समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन बड़ी बात ये है कि बेटे की करनी अब परिवार भुगत रहा है। घटना के मास्टरमाइंड ललित झा की करतूत पर उसके बड़े भाई शंभू झा कहते हैं कि संसद में घटना के बाद बुधवार रात से उनका फोन बजना बंद नहीं हुआ है, पुलिस और रिश्तेदार दोनों ललित के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
टेलीविजन चैनलों पर ललित की तस्वीरें देखकर काफी हैरान
ललित झा बड़े भाई शंभू झा ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है बेटे की करतूत पर पूरे परिवार को विश्वास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हम वास्तव में हैरान हैं। हमें नहीं पता कि वह इस सब में कैसे शामिल हुआ। वह हमेशा किसी भी पचड़े में फंसने को लेकर दूर रहता था। वह बचपन से ही शांत स्वभाव का बच्चा था और होशियार भी था। हालांकि हमें पता था कि वह किसी एनजीओ से जुड़ा हुआ था।
शंभू झा आगे बताते हैं कि हमने ललित को आखिरी बार 10 दिसंबर को देखा था, जब हम अपने गृहनगर बिहार के लिए निकले थे। वह सियालदह स्टेशन पर हमें छोड़ने के लिए हमारे साथ आया थआ। अगले दिन उसने हमें फोन किया और कहा कि वह कुछ निजी काम के लिए नई दिल्ली जा रहा हैं। वह आखिरी बार था जब हमने उनसे बात की थी। वहीं, बिहार के दरभंगा में ललित झा के पिता देवानंद ने पत्रकारों से कहा कि वह कभी सोच भी नहीं सकते थे कि उनका बेटा ऐसी घटना में शामिल होगा।
पिता हैरान कैसे बेटा आपराधिक मामले में हुआ शामिल
पिता देवानंद झा ने कहा कि मुझे नहीं पता ये कैसे हुआ। उनका नाम पहले कभी किसी आपराधिक मामले में नहीं आया है। वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छा था। वहीं, आत्मसमर्पण के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपित ललित झा और महेश को पुलिस पूरे मामले का मास्टरमाइंड मान रही है।
पिता ने टीवी पर देखा ललित झा
उन्होंने आगे कहा कि हम पिछले 50 वर्षों से कोलकाता में रह रहे हैं। लेकिन, छठ पूजा के मौके पर हम अपने पैतृक गांव दरभंगा के रामपुर उदय जाते हैं। इस साल, हालांकि, हम समय पर अपने गांव नहीं आ सके। बाद में, हम 10 दिसंबर को कोलकाता से दरभंगा के लिए ट्रेन में चढ़े, लेकिन ललित हमारे साथ नहीं आया। फिर हमने उसे टीवी पर देखा।