सात जन्मों के बंधन में बंधने के बाद मानसी बोलीं, अब मुझे तीन तलाक का डर नहीं

मुरादाबाद। प्यार एक एहसास है। एक-दूसरे को समझने के बाद ही सच्चा प्यार संभव है। नरगिस खातून और सुनील उर्फ पप्पू के बीच भी ऐसा ही प्यार था। जाति-धर्म से अलग हटकर उन्होंने साथ रहने का निर्णय लिया। स्वजन तैयार नहीं होते, इस आशंका की वजह से घर से भागे। नरगिस मतांतरण कर मानसी बनी। फिर आर्य समाज मंदिर में शादी की।

सात जन्मों के बंधन में बंधने के बाद मानसी बोलीं, अब मुझे तीन तलाक का डर नहीं है। एक ही गांव के सुनील और नरगिस खेत पर साथ काम करने जाते थे। एक-दूसरे के घरों पर ही आना-जाना रहता था। दोनों अक्सर फोन पर भी बात करते थे। नरगिस को डर था कि उसके स्वजन इस संबंध को स्वीकार नहीं करेंगे।

स्वजन ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी
दोनों 11 मई को अपने घरों से भाग गए। नरगिस के स्वजन ने पहले तलाश किया, फिर सुनील के खिलाफ बहला फुसलाकर ले जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई। दोनों ने 13 मई को शादी कर ली। नरगिस के ससुराल वालों का कहना है कि अभी दोनों गांव नहीं आए हैं, यहां आने पर दुल्हन का स्वागत किया जाएगा।

नरगिस ने बताया कि उसने स्वेच्छा से मतांतरण कर अपना नाम मानसी रखा है। अब वह सुनील के साथ ही रहेगी। मुस्लिम धर्म में तीन तलाक का डर रहता है। छजलैट के थाना प्रभारी अर्जुन त्यागी का कहना है कि प्रेमी-प्रेमिका दोनों ने शादी करके साथ रहने का निर्णय लिया है। कोर्ट में युवती के बयान दर्ज कराए जाएंगे।

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