माले। मालदीव से तनाव के बावजूद भारत ने उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने मालदीव को जरूरत की चीजें भेजने के लिए आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की इजाजत दे दी है। इस फैसले से मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर काफी खुश हुए हैं और उन्होंने भारत का धन्यवाद जताया है।
भारत द्वारा जरूरत की चीजें देने पर मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय मित्रता और व्यापार और वाणिज्य को और अधिक विस्तारित करने की प्रतिबद्धता दिखाई है।
दिल से धन्यवाद देता हूं…
मूसा जमीर ने एक्स पर लिखा, “मैं मालदीव को वर्ष 2024 और 2025 के दौरान भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को दिल से धन्यवाद देता हूं।”
एस जयशंकर ने भी दी प्रतिक्रिया
जमीर के पोस्ट पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR नीतियों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (SAGAR) हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग की भारत की नीति या सिद्धांत है।
भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत देश अपने पड़ोसी देशों से जोड़ना चाहता है।
राष्ट्रपति से विवाद के बाद भी निभाई दोस्ती
यहां बता दें कि निर्यात कोटा बढ़ाना सरकार का बड़ा फैसला इसलिए भी गिना जा रहा है क्योंकि पिछले साल नवंबर से दोनों देशों के बीच एक राजनयिक विवाद खड़ा था। उस समय चीन समर्थक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी।