जिले मे मनाया जा रहा मलेरिया माह 

मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए किया जा रहा जागरूक 

हरदोई। मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य साल 2027 तय किया गया है इसी क्रम में जून माह मलेरियारोधी माह के तौर पर मनाया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया कि मलेरिया माह को सफल बनाने के लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अधिक से अधिक सर्वेक्षण कर बुखार पीड़ितों की मलेरिया जांच की जा रही है। समुदाय में लोगों को मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है इसके अलावा सभी आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया की जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध करा दी गई है। जिला मुख्यालय तथा ब्लॉक स्तर पर गोष्ठियां आयोजित कर स्टाफ को संवेदीकृत किया जा चुका है।

जिला मलेरिया अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जून के आखिरी या जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून आता है इस दौरान मच्छरजनित बीमारियाँ पनपती हैं इनसे बचाव की व्यापक तैयारियों के मद्देनजर जून माह को मलेरिया माह के रूप मनाया जाता है। इसको लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

मलेरिया मच्छरजनित बीमारी है मादा एनाफिलीज मच्छर  के काटने पर परजीवी के शरीर में प्रवेश करने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है।

मलेरिया के लक्षण बताते हुए कहा कि – 

सर्दी व कंपन के साथ बुखार आना, निश्चित समय के बाद उतर जाना।

तेज सर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना आना। थकान ,चक्कर आना, शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। 

उल्टी या मितली का होना।

थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास का लगना, हाथ व पैर में ऐंठन होना। बताया गया कि 

मलेरिया से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लक्षणों को पहचान कर इसका समय से इलाज किया जाए। इसके साथ ही गर्भवती को इनसेक्टीसाइड ट्रीटेड मच्छरदानी (आईटीएन) में सोना चाहिए।

इसके अलावा घर व आस पास कहीं भी पानी इकट्ठा होने दें। रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें। गमलों, छत पर पड़े पुराने टायर, प्रयोग में न आने वाली सामग्री में पानी को एकत्र न होने दें, कूलर का पानी जल्दी-जल्दी बदलते रहें, कूलर के पानी में समय-समय पर मिट्टी का तेल डालते रहें। घर के आस-पास जल एकत्रित न होने दें। सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्वायल आदि का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखा जाए और मच्छरों से बचाव किया जाए।

बताया कि जनपद में 2022 में 558 2023 में 2351 व 2024 (एक अप्रैल से अब तक) 220 मलेरिया के मरीज मिले हैं।

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