महादेव बेटिंग एप से जुड़ा घोटाला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। अगस्त 2022 से मामले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए जाने की जांच हो रही है। ईडी ने कहा कि 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार किए गए असीम दास ने पूछताछ में मुख्यमंत्री को पैसा दिए जाने की बात कही है।
ईडी के आरोप के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। शनिवार को दुर्ग की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बताएं कि घोटाले से उनका क्या संबंध? वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाए गए ये आरोप महज चुनावी हैं।
इससे पहले मामला तब चर्चा में आया था जब एजेंसी ने रणबीर कपूर, कपिल शर्मा जैसे बॉलीवुड से जुड़ी कई हस्तियों को तलब किया था। इन सभी पर महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों से पैसे लेने का आरोप लगाया गया है।
ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर महादेव बेटिंग एप क्या है? इसके जरिए हुआ फर्जीवाड़ा क्या है? मामले में जांच कहां तक पहुंची? घोटाले में सीएम भूपेश बघेल का नाम कैसे आया? आइये जानते हैं..
आखिर महादेव बेटिंग एप क्या है?
महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया एप है। यह यूजर्स के लिए पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलने के लिए मंच है। इसके साथ ही एप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी।
छत्तीसगढ़ के भिलाई से आने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक एप के मेन प्रमोटर हैं। ये अपनी गतिविधियां दुबई से संचालित करते हैं