अमेठी । मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के महोना कस्बे में परम्परागत तरीके से महोना राजघराना परिवार द्वारा वर्षों से आयोजित होने वाले राम विवाह (कौमी एकता मेला) गंगा जमुनी संस्कृति की मिशाल है। महोना कोर्ट से निकलने वाली राम बारात लगभग 50 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है ,चौधरी अनवर हुसैन ने सद्भवाना एकता की जो परम्परा डाली थी उनकी मौत के बाद उनके पुत्र चौधरी असद हुसैन आज भी निभा रहे है कभी हाथी घोड़ा पर राम बारात सज धज कर महोना कोट से रामलीला मैदान जाती थी समय के साथ हाथी घोड़ा तो नही रहते लेकिन रामलीला रामविवाह की परंपरा आज भी कायम है ।दशहरा में महोना का रावण जिला के सबसे बड़ा रावण होता आ रहा है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते रहे है ।यहां मेले का आयोजन व सभी धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम मुस्लिम परिवार द्वारा ही किया जाता है। महोना के दशहरा मेला व रामविवाह मेले में होने वाले कार्यक्रम को हिंदू मुस्लिम एक साथ मिलकर बखूबी निभाते हैं। । मेले में हर धर्म के लोग यहां के रामलीला को देखने के लिए एक साथ मंच पर एकत्रित होते हैं और सभी रस्मों को निभाते हैं। चौधरी असद हुसैन ने बताया कि मेरे पूर्वज मरहूम चौधरी अनवर हुसैन द्वारा जो भी रश्में चली आ ही है उसे आज भी निर्वहन करने की कोशिश की जाती है पूर्व में मेले के दूसरे दिन दंगल कुश्ती में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय स्तर के पहलवान हिस्सा ले चुके है ।इस बार भी मेला आगामी 21,व 22 नवम्बर 2023 को आयोजित किया जाएगा जिसमें रामलीला मंचन रात्रि में पारंपरिक नौटंकी, दंगल कुश्ती, का आयोजन होगा जो एक बार फिर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल बनेगा