जुआ, अवैध सट्टेबाजी से दो लाख करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान…

नई दिल्ली। क्रिकेट विश्वकप-2023 अपने पूरे रंग में है और इसके साथ ही गैरकानूनी सट्टेबाजी गतिविधियां भी जोर पकड़ रही हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गैरकानूनी सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों से कर विभाग को करीब दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

थिंक चेंज फोरम की रिपोर्ट में खुलासा
‘थिंक चेंज फोरम’ की रिपोर्ट के अनुसार, खेल मुकाबलों पर अवैध सट्टेबाजी बाजार में भारत से सालाना 8,20,000 करोड़ रुपये (100 अरब डालर) के दांव लगाए जाते हैं। इसमें कहा गया कि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी, स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ने और खेल गतिविधयों में वृद्धि से अवैध सट्टेबाजी में लगाई जाने वाली राशि लगातार बढ़ रही है। नियामकीय प्रतिबंधों के बावजूद भारत के अवैध सट्टेबाजी और जुआ बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

सट्टा राशि पर हर साल 2,29,600 करोड़ रुपये का नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, 28 प्रतिशत की मौजूदा जीएसटी दर के हिसाब से 8,20,000 करोड़ रुपये की ‘सट्टा राशि’ पर भारत को हर साल 2,29,600 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए नई जीएसटी व्यवस्था का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

पंजीकरण पर देना होगा जोर
इन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कार्यबल स्थापित करने और विदेशी आपरेटरों को भारत में पंजीकरण के लिए मजबूर करना होगा। इससे वैध गेमिंग प्लेटफार्म से विदेशी प्लेटफार्म पर प्रवाह को रोकने में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है कि इन उपायों के बिना नई व्यवस्था में वैध गेमिंग कंपनियों के बजाय अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्म और विदेशी संचालकों को फायदा हो सकता है और इससे सरकार को कर के रूप में लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

Related Articles

Back to top button