निष्पक्ष प्रतिदिन
लखनऊ। दुबग्गा में पांच दिन पहले पर्स लुटेरों की छीनाझपटी में दंपती और उनका ढाई साल का बेटा बाइक से गिरकर घायल हो गए, पर पुलिस ने इस मामले को दर्ज ही नहीं किया। राजधानी की मित्र पुलिस इसके बजाय पीड़ित को नसीहत देती रही-कहां चक्कर में पड़े हो, मामला बढ़ेगा तो बेवजह तुम लोग परेशान होते रहोगे। शुक्रवार को दोबारा केस दर्ज कराने पहुंचे तो फिर लौटा दिया। अफसरों के दखल के बाद शनिवार रात करीब 9 बजे केस दर्ज किया गया। माल के पिपरी पुराखर गांव निवासी शमशाद ई-रिक्शा चलाते हैं। मंगलवार रात करीब 11 बजे वह पत्नी रोशनी बानो और ढाई साल के बेटे सज्जाद के साथ बाइक से बालागंज निवासी रिश्तेदार के घर जा रहे थे। दुबग्गा सब्जी मंडी के गेट नंबर 2 के सामने पहुंचे तो पीछे से बाइक सवार आए दो बदमाशों ने रोशनी के हाथ से पर्स लूट लिया। छीनाझपटी के दौरान बाइक बेकाबू हो गई और तीनों लोग सड़क पर गिर पड़े। शमशाद के हाथ में, जबकि रोशनी व बेटे के चेहरे, सिर और घुटनों में चोटें आईं। शमशाद वारदात को याद कर बताते हैं- मेरा ढाई साल का बेटा बाइक के साथ कुछ दूर तक घिसटता चला गया।
वह बेहोश हो गया था। उसको अस्पताल में भर्ती कराया था। बुधवार को डिस्चार्ज हुआ। गनीमत रही कि गंभीर चोट नहीं आई…। पर, पुलिस का रवैया बेहद आहत करने वाला रहा। लुटेरों को पकड़ना तो दूर, उसने केस तक दर्ज नहीं किया। शमशाद ने बताया कि इलाज के बाद घटना के दूसरे दिन दुबग्गा थाने गए। जहां पुलिसकर्मियों ने कहा- लूट नहीं, ये कहो कि पर्स गिर गया है। इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने हमदर्दी जताते हुए कहा- कहां चक्कर में पड़े हो। मामला बढ़ेगा…। तुम लोग बेवजह परेशान होते रहोगे…। केस नहीं दर्ज हुआ तो हम लौट आए। 18 को दोबारा हम थाने पहुंचे और तहरीर दी। तब भी टालमटोल जारी रही। शमशाद के मुताबिक, पर्स में छह हजार रुपये व महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा का कहना है कि प्रकरण को गंभीरता से लिया गया है। केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। जांच कर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।