बदायूं। शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में दिमाग की नस के मरीज का 4 दिन में करीब 60 हज़ार का बिल लेकिन कोई इलाज नहीं। जी हां ये कोई मजाक नहीं बल्कि सच्चाई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि निजी अस्पताल किस तरह मरीजों से इलाज के नाम पर लूट कर रहे हैं। इंद्रा चौक स्थित रामा हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ती नर्सिंग स्टाफ, आईसीयू, चिकित्सकीय संसाधन और सुविधाएं काम चलाऊ हैं। इसके बावजूद इनकी फीस में कोई कमी नहीं। एक बार मरीज यहां आते हैं तो इन ठगों के चक्कर में बुरी तरह फंस जाते हैं।
बरेली मेदान्त अस्पताल से बदायूं शहर की चक्कर की सड़क हकीमगंज निवासी हाजरा दिमाग के इलाज के लिए कई दिन से अस्पताल में भर्ती थी तभी उनके परिजनों ने पैसों की कमी के चलते डाक्टर से बदायूं रामा अस्पताल में रैफर कराया परिजनो ने सोचा की अपने शहर में बेहतर इलाज मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ उनके पुत्र मुशीर का कहना है कि रामा अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ लूट की और हमारे मरीज़ का इलाज तो दूर स्टाफ ने कोई व्यवस्था या सही से बात तक नहीं की। प्राइवेट हॉस्पिटल की यह एक कड़वी हकीकत है शहर में हर प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज के नाम पर मरीजों को लूट रहे हैं। इस मामले में अगर बरेली की बात करें तो वहॉं भी यही हाल है।