लोकसभा सीट बाराबंकी, कांग्रेस से टिकट के लिए डा. अरविन्द ने ठोंकी दावेदारी

राज्यपाल से सम्मानित और अखिल भारतीय पासी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव हैं डा. अरविन्द सिंह रावत
बाराबंकी।
समाजसेवा करने के दौरान प्रदेश के राज्यपाल से सम्मानित समाजसेवी व अखिल भारतीय पासी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डा. अरविन्द सिंह रावत ने आगामी लोकसभा चुनाव में बाराबंकी सीट पर कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए अपनी दावेदारी प्रमुखता से पेष कर दी है। उन्होने पहले बैनर पोस्टरों के माध्यम से पूरे लोकसभा क्षेत्र में अपनी आमद दर्ज करायी और उसके बाद अब वह पूरे लाव लश्कर के साथ में क्षेत्र में जनसम्पर्क अभियान शुरु कर दिया है। जानकारी के अनुसार, बाराबंकी लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर पिछले दस वर्षों से भाजपा का केसरिया लहरा रहा है।

इण्डिया गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में आयी है और कांग्रेस से टिकट के लिए पूर्व सांसद डा. पीएल पुनिया और उनके इकलौते पुत्र तनुज पुनिया का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। चूंकि पिछले डेढ़ दषक से पूर्व सांसद डा. पीएल पुनिया ने अपने दम पर कांग्रेस का परचम लहराने का काम किया है। वर्ष 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो उस समय कांग्रेस के टिकट पर डा. पीएल पुनिया बसपा प्रत्याषी स्व. कमला प्रसाद रावत को चुनाव मैदान में हराकर शानदार जीत हासिल की थी। लेकिन उसके बाद पीएल पुनिया और उनके पुत्र तनुज पुनिया ने कई बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से अपनी किस्मत आजमायी लेकिन किस्मत ने भी उनका साथ नही दिया।

डा. पीएल पुनिया जहां वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रियंका रावत से चुनाव हार गये थे तो उसके बाद उन्होने अपने पुत्र तनुज पुनिया को चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया था। लेकिन वर्ष 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा जैदपुर से तनुज पुनिया ने कांग्रेस सपा के संयुक्त गठबंधन से चुनाव लड़ा था। जिसमें उनको हार मिली थी। जिसके बाद उन्होने वर्ष 2019 में जब लोकसभा चुनाव पुनः हुआ तो लोकसभा चुनाव में भी तनुज पुनिया तीसरे नम्बर पर रहे थे। पहले नम्बर पर भाजपा प्रत्याषी दूसरे पर सपा बसपा गठबंधन प्रत्याषी रामसागर रावत थे। इसके बाद में पुनः जब विधानसभा जैदपुर में उप चुनाव हुआ था तो इस चुनाव में भी तनुज पुनिया ने अपनी किस्मत आजमायी थी लेकिन इस बार भी इनको हार मिली। वर्ष 2022 में उन्होने पुनः विधानसभा जैदपुर में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी वह तीसरे पायदान पर ही रहे। इधर जब इण्डिया गठबंधन के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का तालमेल हुआ तो बाराबंकी सीट कांग्रेस के खाते में आ गयी थी।

कांग्रेस से टिकट के लिए पुनः डा. पीएल पुनिया और उनके पुत्र तनुज पुनिया ने अपनी मजबूत दावेदारी पार्टी आलाकमान के सामने पेष कर दी। लेकिन इधर पिछले एक पखवारे से समाजसेवा के दौरान वर्ष 2018 में प्रदेष के राज्यपाल से सम्मानित व अखिल भारतीय पासी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डा. अरविन्द सिंह रावत ने कांग्रेस से टिकट के लिए पेष करने के बाद क्षेत्र में जनसम्पर्क अभियान तेज कर दिया। उन्होने सबसे पहले बैनर पोस्टरों के माध्यम से जनता के सामने आये और अब वह हमेषा क्षेत्र में बने रहने का प्रयास कर रहे हैं। डा. अरविन्द सिंह रावत का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से सुभाष आर्मी फाउंडेषन के माध्यम से पूरे देष में जनता की सेवा लगातार करते चले आ रहे हैं। मेरी इसी मेहनत के कारण ही प्रदेष के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने राज भवन में बुला करके सम्मानित भी किया था। श्री रावत का आगे कहना है कि अखिल भारतीय पासी महासभा का मैं राष्ट्रीय महासचिव हूं मैने लगातार दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए एक मुहिम चलाकर दलित समाज के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा हूं।

उन्होने यह भी बताया कि आगामी दो माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में मैने कांग्रेस पार्टी से बाराबंकी लोकसभा सीट पर टिकट मांगा है। मैने अपना आवेदन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रदेष अध्यक्ष को भेज दिया है। अगर पार्टी ने मुझे टिकट दिया तो मेरा दावा है कि मैं इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराऊंगा। उन्होने यह भी कहा कि जनपद में सबसे ज्यादा रावत का बिरादरी का ही मतदाता है। इस बिरादरी में मेरी विषेष पकड़ है। मैंने लोकसभा क्षेत्र में अपने समर्थकों के साथ में जन सम्पर्क भी शुरु कर दिया है। क्षेत्र की जनता मुझे पसंद भी कर रही है। कुल मिलाकर अभी तो भविष्य के गर्भ में छिपा है कि बाराबंकी लोकसभा सीट से कांग्रेस आला कमान किसको अपना प्रत्याषी बनाती है इसमें डा. पीएल पुनिया की दावेदारी सबसे मजबूत नजर आ रही है। लेकिन जन चर्चा यह है कि जनपद की जनता किसी नये चेहरे को पसंद करना चाहती है। विषेष तौर से सपा के कार्यकर्ता शामिल हैं।

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