लोकसभा चुनाव- हैदरगढ़ के भाजपा विधायक का विरोध

कागंजरिया में जर्जर सड़क को लेकर मतदान बहिष्कार की चेतावनी

बाराबंकी। बाराबंकी जनपद में वर्तमान समय में लोकसभा चुनाव का खुमार अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। एक सप्ताह पूर्व भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में वर्तमान सांसद उपेन्द्र सिंह रावत को लोकसभा का टिकट देकर पुनः प्रत्याषी बनाया था लेकिन उसके दूसरे दिन एक अष्लील वीडिया वॉयरल होने के कारण उपेन्द्र का मामला लटक गया। वहीं टिकट के दौड़ में भाजपा के हैदरगढ़ विधायक दिनेष रावत उनकी पत्नी ब्लाक प्रमुख सिद्धौर आरती रावत से लेकर लगभग एक दर्जन दावेदार टिकट की आस में लाइन लगाये खड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत गंजरिया के दर्जनों ग्रामीण सड़क निर्माण को लेकर मतदान का विरोध तो किया ही है साथ ही में भाजपा विधायक को भी इन आक्रोषित ग्रामीणों ने नही छोड़ा है।

जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में बाराबंकी लोकसभा की सुरक्षित सीट पर सांसद बनने के लिए जंग छिड़ी हुई है। यहां पर भाजपा के सांसद उपेन्द्र सिंह रावत को एक सप्ताह पूर्व राष्ट्रीय नेतृत्व ने टिकट की हरी झण्डी दे दी थी। लेकिन उसके दूसरे दिन ही जब भाजपा सांसद जनपद के प्रमुख मंदिरो में जाकर पूजा अर्चना कर रहे थे उसी समय उनका एक कथित अष्लील वीडिया सोषल मीडिया पर दौड़ने लगा। वीडिया देखने के बाद किसी को कोई इतनी उम्मीद नही थी। हां इतना जरुर हुआ भाजपा विरोधियों ने उक्त कथित वीडिया को लेकर तरह तरह की चर्चाएं करने लगे। वीडियो से आहत होकर भाजपा सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने यह ऐलान कर दिया था कि यह वीडियो फेक है। लेकिन जब तक सारी सच्चाई जनता के सामने नही आ जाती तब तक मैं कोई भी चुनाव नही लड़ूंगा।

अचानक हुई इस घटनाक्रम के बाद से भाजपा से टिकट मांगने वालों की लम्बी कतार लग गयी। प्रमुख रुप से हैदरगढ़ भाजपा विधायक दिनेष रावत उनकी पत्नी आरती रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, पूर्व जिलाध्यक्ष शषांक कुषमेष, पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत, डा. सुनील रावत, हरख ब्लाक प्रमुख रवि रावत, पूर्व सांसद बैजनाथ रावत सहित दर्जनों दावेदारों ने अपने अपने तौर तरीकों से टिकट के लिए प्रदेष से लेकर राजधानी दिल्ली तक दौड़ लगानी शुरु कर दी। केन्द्रीय नेतृत्व ने अभी तक उपेन्द्र सिंह रावत के मामले में कोई साफ निर्णय नही लिया है। उन्होने उपेन्द्र को लोकसभा का टिकट तो दे दिया था लेकिन उसके बाद भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता का कोई भी बयान नही आया। वहीं पिछले एक सप्ताह से विकास खण्ड सिद्धौर की ग्राम पंचायत गंजरिया के दर्जनों ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए जमकर प्रदर्षन किया। प्रदर्षनकारियों का कहना था कि हैदरगढ़ भाजपा विधायक दिनेष रावत ने मेरे गांव की जर्जर सड़क का निर्माण नही कराया है इसलिए हम लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे।

प्रदर्षनकारियों की नाराजगी से यह साफ पता चलता है कि वह विषेष तौर पर हैदरगढ़ के भाजपा विधायक के विरुद्ध हैं। जर्जर सड़क के बारे में यह पता चला है कि जब पूर्व में बसपा की सरकार थी और प्रदेष के मुख्यमंत्री मायावती थी तो उस दौरान गंजरिया गांव का चयन अम्बेडकर गांव के रुप में किया गया था और तब पूरे गांव का कायाकल्प हो गया था। उसके बाद सपा की सरकार आयी और 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आयी और हैदरगढ़ के विधायक बैजनाथ रावत बने लेकिन इस दौरान गंजरिया गांव के किसी भी ग्रामीण ने जर्जर सड़क की बात नही उठायी। इधर जब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए और सिद्धौर की ब्लाक प्रमुख भाजपा के समर्थन से आरती रावत बनी और उसके बाद वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा के टिकट पर दिनेष रावत हैदरगढ़ के विधायक बन गये। उनके विधायक बनने के बाद से ही दिनेष रावत के विरोधियों को उनकी कोई भी बात पसंद नही आ रही है।

दिनेष रावत का कहना है कि विधायक बनने के बाद मैने अपने पूरे विधानसभा क्षेत्र में जर्जर सड़कों का चिन्हीकरण करके एक प्रस्ताव प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा था और मेरे प्रस्ताव पर क्षेत्र की दर्जनों सड़को पर निर्माण कार्य चल रहा है जबकि मेरी पत्नी सिद्धौर ब्लाक प्रमुख आरती रावत ने भी अपनी क्षेत्र पंचायत निधि से पिछले कई वर्षों में हर गांव को चिन्हित करके विकास कार्य करवा रही हैं। लेकिन उसके बावजूद ग्राम पंचायत गंजरिया के ग्रामीण किसके इषारे पर मेरा विरोध कर रहे हैं यह तो मुझे नही पता लेकिन मैं वादा करता हूं कि आने वाले समय में ग्राम पंचायत गंजरिया की जर्जर सड़क को सही करवा दूंगा। इस सम्बन्ध में जब पीडब्लूडी के जेई से जानकारी की गयी तो उनका कहना था कि उक्त सड़क पीडब्लूडी विभाग से नही बनायी गयी है। अम्बेडकर गांव गंजरिया में विकास कार्य मायावती शासनकाल में हुआ था पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह से यह जर्जर सड़क सही हो जाये। कुल मिलाकर ग्राम गंजरिया के ग्रामीणों का विरोध आम जनता की समझ में नही आ रहा है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और जनता विरोध हैदरगढ़ भाजपा विधायक का कर रही है। जनपद के विकास की जिम्मेदारी मुख्य रुप से भाजपा सांसद की होती है क्योंकि सांसद पांच विधानसभा क्षेत्रों का मुखिया होता है जबकि हैदरगढ़ भाजपा विधायक के विधानसभा क्षेत्र में ग्र्राम गंजरिया आता तो जरुर है लेकिन दिनेष रावत को विधायक बने मात्र दो साल ही हुए हैं इतनी जल्दी पूरे विधानसभा क्षेत्र की सड़को को कायाकल्प कैसे हो सकता है इसी पर सवालिया निषान लगे हुए हैं।

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