नगर पंचायत बीकेटी में आवारा पशुओं से स्थानीय लोग परेशान,शिकायतों के बाद भी कर्मचारी भी नहीं दे रहे ध्यान

  • जिलाधिकरी के सख्त निर्देशों के बाद भी अभी तक नगर पंचायत में नहीं शुरु हो सकी बेसहारा छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशाला में भेजनें की कवायद

नगर पंचायत बीकेटी की जनता की सबसे बड़ी समस्या बन चुके बेसहारा पशुओं पर अब तक नगर पंचायत प्रशासन कोई भी तैयारी नहीं कर पाया है। नगर पंचायत के सभी वार्डों में किसी भी मार्ग पर चले जाएं तो बेसहारा पशुओं की भरमार है। आए दिन अन्ना मवेशियों के सड़क पर बैठे रहने से सड़क हादसे हो रहे हैं। दिन पर दिन पशुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है।जबकि नगर पंचायत के पास गौशाला भी है।फिर भी बेसहारा मवेशियों को पकड़कर गौशाला नहीं पहुंचाया जा रहा है।जबकि सड़कों पर घूम रहे बेसहारा मवेशियों पकड़कर गौशाला भेजने के जिलाधिकरी सूर्यपाल गंगवार ने स्पष्ट निर्देश भी दे रखे हैं।लेकिन नगर पंचायत में कार्यरत अधिशासी अधिकारी जिलाधिकरी के आदेशों को लगातार अनदेखी कर रही हैं।जिससे क्षेत्र में आए दिन कहीं न कहीं हादसे हो रहे हैं। भोजन की तलाश में भटकते इन बेजुबानों को इस बात का अंदाजा नहीं हो पाता कि खुद वे भी हादसे का शिकार हो सकते हैं यही कारण है कि आए दिन कोई न कोई हादसे का शिकार हो ही जाता है।
बता दें कि नगर पंचायत के सभी वार्ड ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े होने के कारण बेसहारा छुट्टा मवेशियों से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को उठानी पड़ रही है।क्योंकि यह छुट्टा पशु किसानों के खेत में घुसकर उनकी फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान रात- रात भर जागकर इन पशुओं से अपने फसल को बचाने का प्रयास करते रहते है। किसानों का कहना है कि कई बार नगर पंचायत के अधिकारियों कर्मचारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन नगर पंचायत द्वारा आज तक बेसहारा छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशाला पहुंचाने की कोई कवायद शुरु नहीं की गई है।जिससे यह पशु खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।लेकिन नगर पंचायत प्रशासन के पास भी इन पशुओं की व्यवस्था करने का कोई विकल्प नहीं है। मार्ग पर होने वाले हादसों की बड़ी वजह आवारा पशुओं को माना गया है।

नगर पंचायत प्रशासन नही सुन रहा लोगों की बात

बीकेटी नगर पंचायत के सभी वार्डों के लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी ने नगर पंचायत से लेकर ब्लॉक के अधिकारियों को तीन माह के भीतर अभियान चलाकर इन पशुओं को आश्रय स्थल पहुँचाने के निर्देश दिए गये थे। वहीं जिलाधिकारी द्वारा पशुपालकों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जो उपयोग के बाद पशुओं को सड़क पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं।लेकिन तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसपर अभी तक नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।जिससे लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ।

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