ओडिशा में शराबबंदी की सुगबुगाहटें तेज!

भुवनेश्वर। ओडिशा में राजनीतिक माहौल के बीच नवनिर्वाचित भाजपा सरकार राज्य को शराब मुक्त बनाने की योजना बना रही है। यदि पूरी तरह से नहीं, तो सरकार चरणबद्ध तरीके से ओडिशा को शराब मुक्त बनाने पर विचार कर रही है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) से ओडिशा में शराब प्रतिबंध का खंडन करने के कुछ दिनों बाद ओडिशा सामाजिक सुरक्षा और दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण मंत्री नित्यानंद गोंड ने दोहराया कि राज्य सरकार की वास्तव में राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने की योजना है।

उन्होंने कहा कि राजस्व नुकसान के डर से शराब की बिक्री को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। गोंड ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निषेध दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शराब की लत के कारण समाज प्रदूषित हो रहा है। कई राज्यों में सरकारी स्तर पर शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हमारी सरकार भी ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आबकारी व अन्य विभागों से इस संबंध में चर्चा कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हम चरणबद्ध तरीके से ओडिशा को शराब मुक्त बनाने की कोशिश करेंगे।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वस्थ समाज बनाने के लिए आने वाले दिनों में नशे की खपत को कम करने के लिए भी कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि बिहार, गुजरात, मिजोरम और नगालैंड राज्यों में शराब प्रतिबंधित है।

भुवनेश्वर-कटक मेट्रो रेल परियोजना पर काम जारी रहेगा- मंत्री
आवास और शहरी विकास मंत्री कृष्णचंद्र महापात्र ने कहा कि भुवनेश्वर और कटक के बीच कनेक्टिविटी में सुधार के लिए, भुवनेश्वर-कटक मेट्रो रेल परियोजना पर काम जारी रहेगा। महापात्र ने कहा कि राज्य के बजट की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार से मदद मांगी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मेट्रो ट्रेन परियोजना का काम दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को दिया गया है। हम चर्चा करेंगे कि बरसात के मौसम में काम कैसे आगे बढ़ेगा। हम राज्य के बजट की स्थिति का भी विश्लेषण करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम केंद्र सरकार से मदद मांगेंगे। चूंकि यहां डबल इंजन की सरकार है और प्रधानमंत्री ओडिशा को विशेष पसंद करते हैं, हमें विश्वास है कि केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।

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